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वादी महिला पर लटकने लगी कानून की तलवार

Raftaar Desk - P2

वादी महिला पर लटकने लगी कानून की तलवार दरोगा की मौजूदगी को लेकर खड़े हुए सवाल फर्रुखाबाद, 21 फरवरी( हि.स.)। जिले में दरोगा को फसाने की साजिश नाकाम हो गई। छेड़छाड़ का विरोध करने पर जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप में न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुए मुकदमे में वादी पक्ष पर उल्टी कानून की तलवार लटकने लगी है। जिसकी वजह जांच पड़ताल में यह पाई गई है कि घटना के दिन सम्बन्धित उप निरीक्षक उच्चतम न्यायालय में सीएलफी दाखिल करने गये थे। उनकी रवानगी और लोकेशन के आधार पर मामले की असलियत सामने आ रही है। जिससे वादी पक्ष के लिए मुश्किलें खड़ी होनी तय हैं। शहर कोतवाली पुलिस ने दरीबा पूर्व निवासी महिला की ओर से तत्कालीन घोड़ा नखास चौकी प्रभारी भानु प्रकाश वर्मा, कांस्टेबल संजीव गौतम, राहुल यादव व तीन अज्ञात सिपाहियों के अलावा जटवारा जदीद निवासी सत्यम आर्य, महेन्द्र आर्य, रेलवे रोड चौकी निवासी विवेक मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसने सलामत खां में एक भूखण्ड खरीदा था। विपक्षियों ने उसके प्लाट पर सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय से स्थगनादेश जारी करा लिया। स्थगनादेश की आड़ में दरोगा और सिपाहियों ने उनसे सात हजार रुपये ठग लिए। 17 सितम्बर को आरोपित पुलिस कर्मी अन्य साथियों के साथ उसके घर घुस आये और मार-पीट कर छेड़छाड़ की। विरोध करने पर जातिसूचक शब्दों से गालियां दी गईं। इस सम्बन्ध में न्यायालय के आदेश पर शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया है। इस मुकदमे की जांच में पाया गया कि जिस दिन घटना को दिखाया गया है, उस दिन तत्कालीन चौकी इंचार्ज भानु प्रकाश वर्मा एक पूर्व विधायक से सम्बन्धित एक मामले को दाखिल करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय गये हुए थे। उनकी रवानगी कोतवाली में दर्ज है। लोकेशन भी अलीगढ़ की है। फिल हाल मामले की जांच की जा रही है। शहर कोतवाल वेदप्रकाश का कहना है कि जांच के बाद गन दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रपाल/मोहित-hindusthansamachar.in