पुतला व मूर्ति कारीगर हो गए बेरोजगार, कोरोना संक्रमण के चलते नहीं मिल रहा पर्याप्त काम
पुतला व मूर्ति कारीगर हो गए बेरोजगार, कोरोना संक्रमण के चलते नहीं मिल रहा पर्याप्त काम 
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पुतला व मूर्ति कारीगर हो गए बेरोजगार, कोरोना संक्रमण के चलते नहीं मिल रहा पर्याप्त काम

Raftaar Desk - P2

धमतरी, 6 अक्टूबर ( हि. स.)। असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा हर साल उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व पर रावण के पुतले के दहन करने की परंपरा का निर्वहन किया जाता है। शहर व गांव के चौक-चौराहों पर युवा व बच्चे मिलकर रावण के पुतले का दहन करते हैं। इस खास अवसर के लिए रावण के पुतले की मांग बनी रहती है। शहर व गांव के कुछ कारीगर इस कार्य में निपुण हैं, जो रावण का पुतला बनाते हैं। पुतला तैयार करने वाले कारीगर इस साल मांग नहीं होने से निराश हैं। ग्राम कलारतराई के बीरबल साहू सालों से रावण का पुतला बनाते आ रहे हैं। इस साल अब तक उन्हें एक भी आर्डर नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि पहले माहभर पहले से आर्डर मिलना शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार एक भी नहीं मिला है, उम्मीद है आने वाले दिनों में लोग ऑर्डर लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस साल कोरोना वायरस के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आमापारा वार्ड के कलाकार मोहन कोसरिया, प्रहलाद कुंभकार, कुलेश्वर कुंभकार फलाना ढिकाना ने बताया कि नगर निगम की ओर से उन्हें रावण के पुतला बनाने का ऑर्डर मिलता है, लेकिन इस बार अब तक कोई निर्देश नहीं मिला है। कोरोना के कारण इस साल उत्सव फीका रहने आशंका है। मालूम हो कि इस साल कोरोना वायरस संक्रमण ने सभी त्योहारों के उत्साह को फीका कर दिया है। सभी पर्व सादगी से मनाए जा रहे हैं। इस साल जिला प्रशासन ने भी पुतला दहन के लिए भी कड़े नियम जारी कर दिए हैं, जिसके तहत ही रावण के पुतले का दहन होगा। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in