दंतेवाड़ा में लाउडस्पीकर से पढ़ाई शुरू
दंतेवाड़ा में लाउडस्पीकर से पढ़ाई शुरू  
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दंतेवाड़ा में लाउडस्पीकर से पढ़ाई शुरू

Raftaar Desk - P2

दन्तेवाड़ा, 08 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा एक ऐसा जिला है, जो भौगोलिक परिस्थितियों के साथ सुदूर अंचल पहाड़ी क्षेत्रों से घिरा हुआ नेटवर्क विहीन क्षेत्र है। जहां इस कोरोना काल में शिक्षा जैसे मूलभूत सुविधा को उपलब्ध कराने हेतु शिक्षकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस क्षेत्र में राज्य शासन के महत्वपूर्ण योजना पढ़ई तुंहर दुआर का संचालन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन क्लास से बच्चे जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जिन क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं है, उन क्षेत्रों हेतु पारा मोहल्ले में शिक्षक जाकर ऑफलाइन क्लास का संचालन कर रहे हैं या ब्लूटूथ के माध्यम से साधारण मोबाइल से, नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में मोबाइल के ब्लूटूथ माध्यम से शिक्षा के कन्टेन्ट उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं लाउडस्पीकर के माध्यम से भी बच्चों को जोड़ने एक नवाचार किया जा रहा है। इसी कड़ी में दंतेवाड़ा जिले में विकासखंड गीदम के प्राथमिक शाला गायतापारा हारम को केंद्र मानकर यहां पर तीन स्कूल गायतापारा, चर्चपारा और माध्यमिक शाला हारम के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने लाउडस्पीकर के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया। जो दंतेवाड़ा जिला में सर्वप्रथम लाउडस्पीकर के माध्यम से चलने वाला केंद्र बना है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा कि स्कूल कब खुलेगा यह कहना मुश्किल है । अतः सभी पालक अपने-अपने बच्चों को इस कोरोना काल में अपने बच्चों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अधिक से अधिक बच्चों को पढ़ने को प्रेरित करें। समग्र शिक्षा के सहायक परियोजना समन्वयक दादा जोकाल उर्फ सिकंदर खान ने गोंडी मे पालकों से अपील की कि सभी बच्चों को पढ़ने हेतु प्रेरित करें । कार्यक्रम में वहीं की शिक्षिका प्रमिला कुशवाहा, पार्वती साहनी, चर्चपारा हारम की शिक्षिका समावती पाल नीता साहू एवं माध्यमिक शाला हारम के शिक्षक नागेंद्र प्रसाद चतुर्वेदी, कालिंदी कोठारी एवं शकुंतला कशेर उपस्थित थे और उन्होंने अपने बच्चों को अध्ययन करवाया। माधोपारा हारम जहां पर शीतला माता का मंदिर है, उनके प्रांगण में माधव पारा प्राथमिक शाला माध्यमिक शाला डीएवी अंग्रेजी स्कूल गायत्री स्कूल और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के बच्चे पढ़ने आते हैं, वहां पर शीतला मंदिर प्रांगण में भी लाउडस्पीकर माध्यम से पढ़ाई का शुभारंभ किया गया। स्कूल के शिक्षक बसंत पाल ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से उनको जगह मिला हुआ है। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस महामारी में यह प्रयास सराहनीय है। मां शीतला के दरबार में यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ गायत्री प्रसाद-hindusthansamachar.in