घायल बेसहारा गोवंशों का स्वयं के खर्च पर उपचार करा रहे ग्रामीण
घायल बेसहारा गोवंशों का स्वयं के खर्च पर उपचार करा रहे ग्रामीण 
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घायल बेसहारा गोवंशों का स्वयं के खर्च पर उपचार करा रहे ग्रामीण

Raftaar Desk - P2

बड़ौत, 10 जून (हि.स.)। बागपत जिले के कोतवाली बड़ौत क्षेत्र में बेसहारा गाेवंशों पर लगातार हो रहे अत्याचार के मद्देनजर प्रदेश सरकार लगातार इनके संरक्षण के नियमों को सख्त बना रही है मगर जन-जागरूकता के अभाव में बेसहारा बेजुबानों को प्रताड़ित करने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अपने खेतों को बेहसहारा गोवंशों से बचाने के लिए पहले किसान बाउंड्री में साधारण तारों का प्रयोग कर रहा था। इनके प्रभावी न होने के कारण अब ब्लेडयुक्त कंटीले तारों की बाउंड्री लगाने के साथ-साथ उनमें करंट भी छोड़ा जा रहा है। इसके कारण आए दिन बेसहारा जानवर बेमौत मर रहे हैं। केरल में गर्भवती हथिनी को अन्ननास में विस्फोटक खिलाने से हुई मौत की घटना मीडिया की सूर्खी बनीं। इससे जानवरों के प्रति उपजी सहानुभूति के बाद लुहारी गांव के ग्रामीणों की पहल राहत देने वाली है। यहां ग्रामीण हरबीर के घेर में घायल जानवरों को इकट्ठा कर पशु चिकित्सकों से उपचार कराया जा रहा है। ग्रामीणों उपचार का खर्च स्वयं वहन कर रहे हैं। अब तक कंटीले तारों में फंसकर घायल हुए सात बेसहारा गोवंशों का उपचार कर ठीक किया जा चुका है, जबकि गंभीर रूप से घायल एक गोवंश को मरहम पट्टी के बावजूद नहीं बचाया जा सका। इसके बाद सेवा करने वाले ग्रामीणों ने सभी किसानों से अपने खेतों में ब्लेडयुक्त कंटीले तार न बांधने की अपील की है। सेवा कार्य में लगे ग्रामीणों में मुफीद अली, मनोज, अनुज, बाबूराम, अभिषेक, रतन सिंह सहित कई ग्रामीण लगे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ गौरव साहनी-hindusthansamachar.in