इंसानियत के हथियार से लड़ें कोरोना से जंग
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इंसानियत के हथियार से लड़ें कोरोना से जंग

Raftaar Desk - P2

इंसानियत के हथियार से लड़ें कोरोना से जंग - लॉकडाउन में फंसे गरीब-मजलूमों के घर खाद्यान उपलब्ध कराने आगे आया वाट्सएप ग्रुप 'हमारा गुलशन' - 24 घंटे में ग्रुप के सदस्यों ने दो लाख 30 हजार की धनराशि एकत्रित, खरीदा जरूरत का सामान शामली, 29 मार्च (हि.स.)। तेरे सीने में नहीं तो मेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए। देश के प्रसिद्ध कवि दुष्यंत कुमार की कविता की ये पंक्तियां आज के माहौल में सटीक बैठती है। एक ओर कोरोना से पूरे देश दुनिया में कोहराम मचा रखा है तो लॉकडाउन में फंसे गरीब, मजलूमों, मजदूरों के आगे पेट की आग बुझाने का संकट मुंह बाए खड़ा है। मगर जिले में दानवीरों और दूसरों की पीड़ा समझ रहे उदार-सामाजिक लोगों की भी कमी नहीं है। वैसे सोशल मीडिया के दुरुपयोग की ख़बरें अक्सर आती रहती हैं लेकिन दूसरों की मदद के लिए भी सोशल मीडिया काम करता है। आज हम आपको बताएंगे ऐसे ही वट्सएप ग्रुप की कहानी। जो इंसान को ही नहीं, इंसानियत को भी बचाने की ख़ूबसूरत मिसाल दे रहा है। जिले में कोरोना से बचाव के लिए निरंतर लोग जद्दोजहद में जुटे हैं। प्रशासन और सरकार के साथ ही जिले का 'हमारा गुलशन' व्हाट्सएप ग्रुप भी गरीबों की पीड़ा समझकर उन्हें खाद्यान्न मुहैया कराने का काम कर रहा है। दरअसल, जिले में लॉकडाउन में ग़रीबों के लिए मुश्किल खड़ी है। कामकाज ठप के साथ ही उनके घरों में खाने पीने का सामान नही है। जिले के कस्बा जलालाबाद का एक ग्रुप 'हमारा गुलशन' के कुछ सदस्यों ने कोरोना से बचाव के साथ ही ग़रीबों को चयनित कर उनके घरों में राशन भिजवाने के लिए मुहिम शुरू की। सबसे पहले कोरोना रिलीफ फंड लिखते हुए ग्रुप के जिम्मेदार सदस्यों राहुल वालिया, वसी खान, इस्तेखार, डॉ सऊद, हिफजुल कदीर आदि ने सूची ग्रुप में जारी की। इसमें लिखा गया था कि बुरे वक्त में कोई भूखा न सोने पाए, ऐसे में इंसान होने के नाते सभी फर्ज अदा करें। ग्रुप में सूची अपडेट हुई तो सबसे पहले एक सदस्य नदीम अली खान ने 1100 रुपये से शुरुवात की। फिर क्या था देखते ही देखते यह सूची पांच घन्टे में एक लाख से अधिक रुपये जारी खाता संख्या में जमा हो चुकी थी। 500 रुपये से लेकर प्रत्येक सदस्य ने 50 हजार रुपये तक राहत दी। इसके चलते धनराशि महज 24 घंटे से पहले ही 2 लाख 30 हजार पर पहुँच गई। फिलहाल भी रकम देना जारी रखा गया है, इस ग्रुप के सदस्यों ने देश व समाज के लिए बड़ा कदम उठाया तो चौतरफा इसकी प्रसंशा की जा रही है। ऐसे गरीबों के घर तक पहुंचेगा खाद्यान्न किट- 'हमारा गुलशन' समूह की तरफ़ से गरीबों मजदूरों और जरूरतमन्दों के घर ही खाने पीने का सामान पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए पूरी 13 सामान की किट बनाई गई है। जिसमें 10 किलोग्राम आटा, 5 किलो आलू, एक किलो दाल, एक किलो प्याज, एक लीटर ऑयल, 500 ग्राम नमक, 2 साबुन, एक किलो चीनी, 2 किलो चावल, 100 ग्राम मिर्च, 5 पैकेट पारले बिस्कुट, 100 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम चाय पत्ती शामिल है। गरीबों का फोटो नहीं होगा शेयर, गुपचुप पहुचेंगी मदद- अक्सर देखने में आता है कि कुछ लोग मदद के नाम पर दिखावा भी करते हैं, इसके लिए फेसबुक व अनेको माध्य्म से गरीबों को मदद देकर फ़ोटो सेशन खूब होता है। लेकिन ग्रुप ने इससे पूरी तरह परहेज किया है। 'हमारा गुलशन' ग्रुप के वरिष्ठ मेम्बर व प्रमुख समाजसेवी शेरजमा खान ने राशन के लिए सर्वाधिक 50 हजार का योगदान किया है। पूर्व चेयरमैन रमा अशरफ खान ने 25 हजार लेकिन समाजसेवी शेरजमा खान ने ग्रुप में धनराशि डोनेट करने से पहले शर्त रखी कि कोई भी सदस्य मदद करते हुए किसी भी गरीब का फ़ोटो शेयर नहीं करेगा। इस पर सभी ने दिल से सहमति प्रदान कर दी। जिला प्रशासन ने की तारीफ- जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया के जरिये धनराशि एकत्रित करने और गरीबों को घर घर राशन भेजने की इस मुहिम पर 'हमारा गुलशन' की तारीफ की है। अपर जिलाधिकारी एके सिंह ने कहा कि यह सामाजिक पहल अच्छी है। हमें एकजुट होकर ऐसे ही अच्छे कार्य करना चाहिए। लोगों को जागरूक भी किया जाए कि लॉकडाउन में घर से न निकलें। हिन्दुस्थान समाचार/मोनू सैनी-hindusthansamachar.in