अमेरिका में विरोध प्रदर्शन जारी, रक्षा मंत्री ट्रम्प की ज्यादा सैनिकों की मांग से असहमत
अमेरिका में विरोध प्रदर्शन जारी, रक्षा मंत्री ट्रम्प की ज्यादा सैनिकों की मांग से असहमत 
news

अमेरिका में विरोध प्रदर्शन जारी, रक्षा मंत्री ट्रम्प की ज्यादा सैनिकों की मांग से असहमत

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 4 जून (हि.स.)। अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में लगातार नौवें दिन भी बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर जमे रहने के बीच कई पुलिस प्रमुखों ने सुधार का आह्वान किया है। जबकि अमेरिकी रक्षा मंत्री ने ज्यादा सैनिकों को तैनात करने की डोनाल्ड ट्रम्प की मांग से सार्वजनिक रूप से असहमति जताई है। एक 46 वर्षीय अफ्रीकी अमेरिकी व्यक्ति फ्लॉयड की 25 मई को मिनियापोलिस में तब मौत हो गई जब एक अधिकारी ने गिरफ्तारी के दौरान लगभग नौ मिनट तक उसकी गर्दन को घुटने से दबाये रखा। हांलाकि उस अधिकारी डेरेक शौविन को पुलिस से निष्कासित कर हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। बुधवार की दोपहर मिनेसोटा के अटॉर्नी जनरल कीथ एलिसन ने शौविन के खिलाफ आरोप को और कठेर करने की घोषणा की। शौविन की सहायता करने के लिये तीन और पुलिस अधिकारियों को आरोपित किया गया। फ्लॉयड की मौत के बाद संघीय और राज्य के अधिकारियों की पुलिस क्रूरता और नस्लवाद के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन 1968 में मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के बाद से अमेरिका में सबसे खराब नागरिक अशांति है। रात में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव की संभावना को टालने के लिये अमेरिका के अधिकांश प्रमुख शहरों में मंगलवार से कर्फ्यू लगा हुआ है। मिनियापोलिस और सेंट पॉल, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को, फीनिक्स, अटलांटा और अन्य शहर काफी हद तक शांतिपूर्ण रहे। फ्लोरिडा में पोर्टलैंड, ओरेगन, और टाम्पा और सेंट पीटर्सबर्ग सहित शहरों में भीड़ को जबरन तितर-बितर कर दिया गया। वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के आस-पास के क्षेत्र में संघीय अधिकारियों के साथ लोगों की गहन झड़पें देखी गईं। बुधवार को राजधानी में फिर से भीड़ उमड़ पड़ी। यूरोप में लंदन के साथ-साथ हेलसिंकी और स्टॉकहोम में भी लोगों ने एकत्रित होकर इन विरोध प्रदर्शनों के साथ एकजुटता दिखाई। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को सेंट जॉन चर्च के आसपास प्रदर्शनकारियों के खिलाफ रबर की गोलियों और रासायनिक एजेंटों का उपयोग करने के निर्णय का बचाव करना जारी रखा। जबकि रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि वह कानून व्यवस्था को लागू करने के लिए ज्यादा सैनिकों का उपयोग करने की ट्रम्प की इच्छा से सहमत नहीं हैं। आंदोलन के समर्थन में बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने नस्लीय अन्याय से लड़ने का आह्वान करते हुए कहा, "मौन हिंसा के समान ही घातक हो सकता है।" हिन्दुस्थान समाचार/राकेश सिंह/जितेन-hindusthansamachar.in