(अपडेट) आरएमएल अस्पताल ने दिल्ली सरकार और हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की : राघव चड्ढा
(अपडेट) आरएमएल अस्पताल ने दिल्ली सरकार और हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की : राघव चड्ढा 
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(अपडेट) आरएमएल अस्पताल ने दिल्ली सरकार और हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की : राघव चड्ढा

Raftaar Desk - P2

- 30 पॉजिटिव केस बताए जबकि 12 ही निगेटिव आए, 2 का रिजल्ट नहीं आया नई दिल्ली, 03 जून (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में कोरोना का स्तर बढ़ता जा रहा है। इसी बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। आम आदमी पार्टी (आप ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक राघव चड्ढा ने राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अस्पताल ने दिल्ली सरकार और हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की है। राघव चड्ढा ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि आरएमएल अस्पताल के कामकाज में लगातार गड़बड़ी सामने आ रही है। अस्पताल प्रशासन ने कोरोना पॉजिटिव केसों की गलत जानकारी दी है। आरएमएल अस्पताल ने दिल्ली सरकार और हाइकोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर 30 लोगों को कोरोना पॉजिटिव बताया। जबकि दिल्ली सरकार द्वारा उनकी पुनः जांच करने पर उनमें से 12 व्यक्ति कोरोना नेगेटिव निकले वहीं दो का रिजल्ट नहीं आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन गलत जानकारी दे रहा है। कभी अस्पताल जांच सैपलों मे 45 प्रतिशत रिपोर्ट गलत दे रहा है तो कभी कोरोना जांच की रिपोर्ट को लंबे समय तक रोक कर रख रहा है। चड्ढा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल एक नामी अस्पतालों में से एक है, जिसने जांच प्रक्रिया को ताक पर रख कर कुछ दिनों में अपने अस्पतालों को चलाया है। केंद्र और दिल्ली सरकार से जारी जांच के प्रोटोकाॅल, दिशा-निर्देश और दिल्ली हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों को ताक पर रखकर बीते कुछ दिनों में जो काम किया है, उससे अस्पताल ने कहीं न कहीं अपना नाम भी खराब किया है और अपनी प्रक्रिया पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाया है। राघव चड्ढा ने कहा कि प्रोटोकाॅल के अनुसार और जांच की गुणवत्ता सुनिश्चित रखने के लिए दिल्ली सरकार अस्पतालों द्वारा जांच किए गए कुछ नमूनों का समय-समय पर दोबारा जांच कराती है। उसी कड़ी में आरएमएल अस्पताल में जांच किए गए कुछ नमूनों की दोबारा जांच कराई गई है। अस्पताल से 30 नमूने लिए गए। इसकी जांच अस्पताल कर चुका था और रिपोर्ट में सभी को कोरोना पाॅजिटिव बताया था। हमने उसकी दोबारा जांच कराई, तो उसमें से 12 सैंपल निगेटिव निकले और दो सैंपलों में कोई नतीजा नहीं निकला। अस्पताल ने एक दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट में पाॅजिविट बताया था। आरएमएल के परीक्षण में 45 प्रतिशत त्रुटि मिली। यह बेहद चैका देने वाली बात है। उन्होंने कहा कि आरएमएल अस्पताल ने परीक्षण के 48 घंटे के भीतर कोविड-19 डेटा जमा नहीं करने पर दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट के मानदंडों का उल्लंघन किया है। चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड-19 जांच की रिपोर्ट अगले 48 घंटे के भीतर हर हालत में देनी है। प्रयास करना है कि 24 घंटे के अंदर ही दे दिया जाए। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि आरएमएल अस्पताल ने इन प्रोटोकॉल का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के डेटा के अनुसार, आरएमएल अस्पताल ने जांच रिपोर्ट कभी 72 घंटे, कभी 6 दिन या 7 दिन या 10 दिन और कभी 31 दिनों के बाद रिपोर्ट दे रहा है। जिन लोगों को तीन दिन बाद रिपोर्ट मिली, उनकी संख्या 281 है। चार दिन बाद 210 लोगों को रिपोर्ट मिली, एक सप्ताह बाद 50 लोगों को रिपोर्ट मिली। चार लोगों को 9 दिनों के बाद रिपोर्ट मिली और कुछ लोगों को 31 दिनों के बाद रिपोर्ट मिली। ऐसा उल्लंघन अस्वीकार्य है, क्योंकि इससे बीमारी का प्रसार होगा। हिन्दुस्थान समाचार /प्रतीक खरे-hindusthansamachar.in