संकट में नरेंद्र मोदी सरकार की बैसाखी बनी हैं यूपीए की योजनाएं: अधीर
संकट में नरेंद्र मोदी सरकार की बैसाखी बनी हैं यूपीए की योजनाएं: अधीर  
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संकट में नरेंद्र मोदी सरकार की बैसाखी बनी हैं यूपीए की योजनाएं: अधीर

Raftaar Desk - P2

कोलकाता, 08 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत बहरामपुर से सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। यूपीए शासन में चलाई गई मनरेगा जैसी योजनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारतीय जनता पार्टी ने इन्हीं योजनाओं का मजाक बनाया था। इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और आज जब पूरे देश से प्रवासी श्रमिक अपने गांव लौट रहे हैं तो केंद्र सरकार के लिए यही योजनाएं रोजगार के लिए सहारा बनी हुई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया से मुखातिब अधीर चौधरी ने 'हिन्दुस्थान समाचार' की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि आधार कार्ड से लेकर गरीब कल्याण की हर एक योजनाएं यूपीए सरकार ने शुरू की थी जिसे आज नरेंद्र मोदी सरकार अपना सहारा बना रही है। ऐसे में यूपीए सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं का मजाक बनाने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को माफी मांगनी चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी दोहराया कि भाजपा वाले माफी मांगेंगे नहीं। आज संकट के समय यूपीए की योजनाएं केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार की बैशाखी बनी हैं। जब उनसे 9 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली और उसी तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के अभियान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों ही जगहों पर सत्तारूढ़ पार्टियां, भाजपा और तृणमूल कांग्रेस का एकमात्र लक्ष्य सत्ता हासिल करना है। इसीलिए कोरोना और चक्रवात जैसे संकट के समय भी ये दोनों पार्टियां लोगों को मुसीबत में भगवान भरोसे छोड़कर चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतर चुकी है। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही पार्टियों के लिए चुनाव ही प्राथमिकता है। बाकी सारे मुद्दे गौण हैं। अधीर चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज जब तेजी से कोरोना का संक्रमण पूरे देश के साथ साथ पश्चिम बंगाल में भी बढ़ रहा है तब ममता बनर्जी की सरकार ने बिना किसी योजना लॉकडाउन को शिथिल कर दिया है। सारे दफ्तर खोल दिए गए हैं। बसों की व्यवस्था नहीं है और लोग शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री द्वारा लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ाए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ममता तमाशा कर रही हैं। चक्रवात अम्फन से पीड़ित लोगों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए अधीर चौधरी ने कहा कि लोग आज भी मुसीबत में फंसे हुए हैं। केंद्र सरकार की ओर से चक्रवात पीड़ितों के लिए 1000 करोड़ के आर्थिक पैकेज को अपर्याप्त करार देते हुए चौधरी ने कहा कि केंद्र को और अधिक मदद करनी चाहिए। अधीर रंजन चौधरी ने राज्य में कोमॉरबिड से मारे गए 72 लोगों की मौत को भी कोरोना वायरस से हुई मौत का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोमॉरबिड और कोरोना मौत का बहाना बनाकर राज्य सरकार लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रही है। सच्चाई यह है कि राज्य में जिन 72 लोगों की मौत कोमॉरबिड से होने का दावा किया जा रहा है, वे भी मरने से पहले कोरोना पॉजिटिव थे। उनकी भी मौत को कोरोना मौत की स्वीकृति दी जानी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर मृतकों के परिजन राज्य और केंद्र सरकारों की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद से वंचित रहेंगे। यह अनैतिक होगा। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/सुनीत-hindusthansamachar.in