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80 हजार लीटर संक्रमित पानी का होगा ट्रीटमेंट, दोबारा कर सकेंगे उपयोग

Raftaar Desk - P2

धमतरी, 14 मार्च ( हि. स.)।जिला अस्पताल धमतरी में हर रोज 80 हजार लीटर पानी की खपत है। उपयोग के बाद यह पानी दूषित व संक्रमित हो जाता है, जो मरीजों व परिजनों के लिए खतरा साबित हो सकता है। लोगों को संक्रमित पानी से बचाने व पुन: उपयोग करने के लिए जिला अस्पताल परिसर में एसटीपी सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है। प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है। जल्द ही संक्रमित पानी का ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा। जिला अस्पताल धमतरी के प्रसव कक्ष, आपरेशन कक्ष, ओटी समेत महिला, पुरूष, न्यू वार्ड, एसएनसीयू समेत समूचे अस्पताल में हर रोज डाक्टर, नर्स, कर्मचारी, मरीज व उनके परिजन 80 हजार लीटर पानी का उपयाेग विभिन्न कार्याें के लिए करते हैं। आपरेशन, ओटी कक्ष का कई लीटर पानी संक्रमित रहता है, जिससे आम लोगों व मरीजों के परिजनों पर संक्रमण नालियों के माध्यम से फैलने की आशंका बनी रहती है। इस संक्रमण से लोगों को मुक्ति दिलाने और गंदे पानी का उपयोग पुन: करने के लिए जिला अस्पताल में शासन द्वारा एसटीपी सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है। चीर घर के पास मिस्त्री व मजदूर प्लांट तैयार कर रहे हैं। वर्तमान में प्लांट के लिए टैंक तैयार होने लगा है। निर्माण की तीव्रता को देखते हुए जल्द ही बनने की संभावना है। सीएमएचओ डा डीके तुर्रे ने बताया कि यह प्लांट करीब 27 लाख की लागत से निर्मित होगा। अस्पताल में लोगों की सेहत को देखते हुए यह प्लांट तैयार किया जा रहा है। प्लांट से संक्रमित व दूषित पानी के ट्रीटमेंट होने के बाद पुन: इसका उपयोग वाहन धोने, अस्पताल के शौचालयों की सफाई, बागवानी में सिंचाई समेत विभिन्न कार्याें के लिए किया जा सकता है। प्लांट लगने के बाद यहां पानी की कमी नहीं होगी। कई परेशानियों से मिलेगी राहत अस्पताल में चार बोर पंप है, जिसमें का पानी सभी उपयोग करते हैं,लेकिन प्लांट बनने के बाद इस बोर के पानी का उपयोग सिंचाई, वाहन धोने व शौचालय के लिए बहुत ही कम किया जाएगा। ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का उपयोग इन कार्याें के लिए होगा। अस्पताल प्रबंधन के पास हर समय हजारों लीटर पानी इस प्लांट के माध्यम से उपलब्ध रहेगा, जिसका उपयोग किसी भी कार्य में कर सकेंगे। वहीं प्लांट निर्माण के बाद गंदे व संक्रमित पानी से आने वाली बदबू से लोगों को राहत मिलेगी। मच्छर पनपना कम हो जाएगा। गंदे पानी की निकासी समस्या से निजात मिलेगी। इस तरह इस प्लांट के निर्माण होने से कई तरह की राहत जिला अस्पताल में मरीज, उनके परिजनों व अस्पताल प्रबंधन को मिलेगा। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन