राष्ट्रवादी, हिन्दुवादी और किसानवादी थे स्वामी सहजानन्दः डॉ. संजय जायसवाल
राष्ट्रवादी, हिन्दुवादी और किसानवादी थे स्वामी सहजानन्दः डॉ. संजय जायसवाल 
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राष्ट्रवादी, हिन्दुवादी और किसानवादी थे स्वामी सहजानन्दः डॉ. संजय जायसवाल

Raftaar Desk - P2

स्वामी जी की 70वीं पुण्यतिथि पर भाजपा प्रदेश कार्यालाय में कार्यक्रम पटना, 26 जून (हि.स.)। महान किसान नेता स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 70वीं पुण्यतिथि पर बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय में स्वामी सहजानन्द किसान वाहिनी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि देश भर में किसानों की हस्ती और प्रतिष्ठा को स्थापित किया। वो भी उस दौर में जब देश की राजनीति में कांग्रेस का बोलबाला था। सहजानन्द राष्ट्रवादी, हिन्दुवादी और किसानवादी थे। इन तीन गुणों से संपन्न स्वामी सहजनन्द देश में एकमात्र हस्ती साबित हुये जिसने किसानों के सवाल पर गांधी से लोहा ले लिया। सुभाष चंद्र बोस ने देश के लिये योगदान में सहजनन्द को ही सर्वोपरी माना है। डॉ. जायसवाल ने यह भी कहा कि पहली बार बिहार भाजपा की ओर से स्वामी सहजानन्द सरस्वती से संबंधित किसी तरह का आयोजन भाजपा कार्यालय में हो रहा जो कि मेरे लिये गर्व की बात है। सहजानन्द ने जिस तरह किसानों का संगठन खड़ा किया वह विश्वभर के संगठनकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। देश के साथ बिहार के लिए भी सहजानन्द आर्दश सन्यासी हैं। उक्त अवसर पर मुख्य वक्ता और बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि सहजानन्द ने जो विचार रखे थे उसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है। वर्तमान की योजनाएं किसानों के हित में रखकर बनाई जा रही है। वहीं उन्होंने स्वामी जी के जीवन काल को याद करते हुए कहा कि सहजानन्द सामाजिक न्याय के पहले पुरोधा हैं। उन्होनें जिस आंदोलन को खड़ा किया था उसमें गांव था, खेत था, खलिहान था, गरीब थे, किसान थे, खेतीहर मजदूर थे और ये सब एक वर्ग के तौर पर किसान आंदोलन में खडा हुये। उन्होंने देश के बंटे-बंटे ग्रमीण परिवेश को एक सूत्र में बांध दिया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मंगल पांडे ने स्वामी सहजानन्द को याद करते हुए कहा कि सहजानन्द जिस वर्ग की चिंता करते थे, उस वर्ग की चिंता वर्तमान राज्य सरकार और केंद्र सरकार कर रही है। मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि अनाज का समर्थन मूल्य देढ गुना करना हो या किसानों को प्रति वर्ष छह हजार की सहायता प्रदान करना, यह दर्शाता है कि सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वामी सहजानन्द किसान वाहिनी के अध्यक्ष रवीन्द्र रंजन के बिहटा एयरपोर्ट के नाम स्वामी सहजानन्द सरस्वती के नाम रखने और इन्हीं के नाम पटना विश्वविद्यालय का नामकरण करने की मांग की। रवींद्र रंजन ने कहा कि आधुनिक इतिहास में हमारे लिये तथा इस प्रदेश के लिये स्वामी सहजानन्द से अधिक कोई महत्वपूर्ण व प्रभावशाली हस्ती नहीं है। इस अवसर पर सहजानन्द को पुष्प अर्पित करने वाले गणमान्य लोगों में दीघा विधायक संजीव चैरसिया, पूर्व मंत्री राजेश सिंह, पटना जिला परिषद की उपाध्यक्ष ज्योति सोनी, पूर्व जिला पार्षद बबलू पांडे, पिंकी कुशवाहा, दीपक मंडाला आदि प्रमुख थे। स्मरिका का लोकार्पण इस अवसर पर स्वामी जी पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया गया। स्मारिका का संपादन रवीन्द्र रंजन ने किया है जो कि देश भर के प्रतिष्ठित लेखकों के आलेख से सागर्भित है। अपने संपादकीय में रवीन्द्र रंजन ने आधुनिक भारत के तीन श्रेष्ठ सन्यासियों में गिनते हुए कहा कि सहजानन्द ने दयानन्द व विवेकानन्द सरीखा धर्म व शास्त्र में योगदान किया। जबकि सहजानन्द का शिखर उनका किसान आंदोलन है। विश्व के ज्ञात कृषि परंपरा में सहजानन्द ने ही पहली बार किसानों को संगठित किया और उसका नेतृत्व किया। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in