प्रवासियों को  सहानुभूति की जरूरतः स्वामी चिदानन्द सरस्वती
प्रवासियों को सहानुभूति की जरूरतः स्वामी चिदानन्द सरस्वती 
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प्रवासियों को सहानुभूति की जरूरतः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

Raftaar Desk - P2

ऋषिकेश, 20 जून (हि.स.) । परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने विश्व शरणार्थी दिवस पर शनिवार को कहा कि प्रवासियों को सहानुभूति की जरूरत है। दुनिया के तमाम देशों के लोगों को हिंसा और संघर्ष के कारण अपनी मातृभूमि को छोड़कर कहीं और शरणार्थी के रूप में रहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्वेच्छा से कोई विस्थापित नहीं होता। प्रवासी शिविरों में कोई रहना पसंद नहीं करता। शरणार्थियों का दर्द आज हम अपने देश के प्रवासी मजदूरों के रूप में देख सकते है। कोरोना काल में इन सभी को सहानुभूति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1989 -1990 के बीच कश्मीर घाटी में पैदा हुए हालात के कारण बड़ी संख्या में कश्मीरी हिन्दू परिवारों को पलायन करना पड़ा। सबसे अधिक कश्मीरी पंडित 19 जनवरी 1990 को विस्थापित हुए। वर्तमान सरकार ने कश्मीरी पंडितों को उनके पैतृक स्थानों पर ही बसाया है। कश्मीरी पंडितों के लिये हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in