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स्पोर्ट्स

आरसीबी के तेज गेंदबाज आकाश दीप ने अपनी जिंदगी के बारे में किया खुलासा

Raftaar Desk - P2

मुंबई, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के तेज गेंदबाज आकाश दीप ने खुलासा किया है कि सासाराम (बिहार) शहर में क्रिकेट खेलना कितना मुश्किल था और शायद इसलिए उनके माता-पिता ने उनका कभी समर्थन नहीं किया। 25 वर्षीय खिलाड़ी ने आईपीएल 2021 के दौरान आरसीबी नेट्स पर गेंदबाजी करते हुए एक इंटर्न के रूप में शुरुआत की। लेकिन 2022 में युवा तेज गेंदबाज ने दिखाया कि उसके पास बड़े मंच पर शानदार प्रदर्शन करने के लिए काफी प्रतिभा है। आकाश ने 9 अप्रैल को महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में मुंबई इंडियंस को 151/6 पर रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उनकी टीम को सात विकेट से जीतने में मदद मिली। न केवल उन्होंने उस दिन सबसे किफायती स्पेल में गेंदबाजी की, बल्कि आकाश ने अपने चार ओवरों में सिर्फ 20 रन दिए, जिसमें एक मेडन भी शामिल था। उन्होंने ईशान किशन का बेशकीमती विकेट भी लिया, जब एमआई की ओपनिंग साझेदारी अच्छी दिखाई दे रही थी। आकाश पहले ही पांच विकेट ले चुके हैं, जिनमें से तीन केकेआर के खिलाफ 30 मार्च को महंगे साबित (3/45) होने के बावजूद आए थे। आकाश ने कहा, मेरे पिता एक हाई स्कूल शिक्षक थे। सासाराम में पले-बढ़े, देश के उस हिस्से में क्रिकेट नहीं था। वास्तव में, सच कहूं तो, राज्य से कोई क्रिकेटर नहीं था। खासकर जिस क्षेत्र से मैं आता हूं, क्रिकेट एक महंगे खेल की तरह महसूस हुआ और मेरे माता-पिता भी इस खेल को लेने में मेरा समर्थन नहीं कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, मेरे पिता एक शिक्षक थे, जैसा कि मैंने पहले कहा है और जब तक वह स्कूल के लिए बाहर होते थे, तब तक मैं चुपके से खेल का अभ्यास करता था। जब मेरे पिताजी को पता चला कि मैं क्रिकेट खेलता हूं, तो उन्होंने अपना फैसला सुनाया कि मैं अपने करियर में कुछ भी नहीं कर पाया। वह वास्तव में पूरी तरह से गलत नहीं थे। उस क्षेत्र के बच्चे ने क्रिकेट में हाथ आजमाया, वे असफल रहे। इसलिए उन्होंने मुझे खेल नहीं खेलने के लिए कहा था। आकाश ने कहा कि उन्होंने भारत के चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ 2007 टी20 विश्व कप का फाइनल देखने के बाद ही क्रिकेटर बनने का मन बना लिया। उन्होंने कहा कि एम.एस. धोनी की अगुवाई वाली टीम के जोहान्सबर्ग में खिताब जीतने के बाद प्रचार और लोगों के जुनून और भावनाओं ने उन्हें प्रेरित किया था। --आईएएनएस आरजे/एसकेपी