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मथुरा में चाय बेचने पर मजबूर कराटे चैंपियन हरि ओम

Raftaar Desk - P2

मथुरा, 16 जून (आईएएनएस)। जूनियर और सीनियर वर्ग में कई पदक जीत चुके कराटे चैंपियन हरि ओम शुक्ला अब चाय बेचने पर मजबूर हो गए हैं। 28 वर्षीय हरि ओम जब 23 साल के थे तभी उन्होंने जूनियर और सीनियर कराटे टूर्नामेंटों में 60 पदक जीत लिए थे। लेकिन पांच वर्षो में ही उनका जीवन बदल गया और फंड खत्म होने तथा कोई नौकरी नहीं मिलने के कारण उन्हें जीवन यापन करने में दिक्कतें आने लगीं। हरि ओम ने कहा, मैं निजी शिक्षण संस्थान में काम करता था जिससे मुझे अपने जुनून को पूरा करने में मदद मिलती थी। लेकिन बाद में इन्होंने फंडिंग रोक दी। इसके बाद मैं स्कूल के बच्चों को कराटे सिखाता था लेकिन लॉकडाउन के कारण यह भी बंद हो गया। मेरे पास अब चाय बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा, मेरा दो साल का बेटा है और इसके अलावा घर के अन्य खर्चे भी हैं। मैं कैसे घर पर बैठ सकता हूं। आज मेरे पास इतने रूपये भी नहीं है कि मैं अपनी स्नातक की डिग्री की कॉपी निकलवा सकूं। हरि ओम ने मथुरा की सांसद हेमा मालिनी और राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की लेकिन अभी तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। मथुरा के रहने वाले हरि ओम ने 13 साल की उम्र से 2006 में कराटे की ट्रेनिंग शुरू की थी। जूनियर स्तर पर कई पदक जीतने के बाद उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक थाईलैंड में एक इवेंट में जीता था। हरि ओम ने 2013 में थाईलैंड में स्वर्ण और रजत पदक जीता था। 2015 में उन्होंने श्रीलंका में अंडर 75-80 किग्रा सीनियर पुरुष कुमीते टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद हरि ओम ने सीनियर पुरुष काटा ओपन ग्रुप में रजत पदक हासिल किया था। हरि ओम के कोच अमित गुप्ता ने भी कहा कि सरकार को एथलीटों की मदद करनी चाहिए। --आईएएनएस एसकेबी/आरजेएस