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Happy Birthday MS Dhoni: 42 साल के हुए माही, जानिए क्यों फैंस लुटाते हैं इतना प्यार?

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम को 2004 में एक नया नाम दिया गया और वह नाम था "यंग इंडिया", तब एक छोटे से शहर से आए एक युवा क्रिकेटर ने देश की रोशनी बढ़ाई। वह युवा थे महेंद्र सिंह धोनी। धोनी के आने से पहले भारतीय क्रिकेट में जोश था ही, लेकिन धोनी के आने से यह जोश तूफान की तरह बदल गया।

अपने खेल से लोगों के दिलों में बनाई जगह

इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू के बाद से ही धोनी ने वनडे और टेस्ट मैचों में अनवरत सफलता हासिल की। धौनी ने क्रिकेट के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और अपने खेल के जलवे से देश के सभी लोगों के दिलों में जगह बना ली। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए धोनी ने देश को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई। उनकी कमाल की कप्तानी की वजह से टीम इंडिया को वर्ल्ड कप ट्रॉफी मिली। यह देशवासियों के लिए गर्व का क्षण था।

धोनी का आदमीपसंद रवैया 

धोनी ने अपनी शानदार कप्तानी से लोगों के दिलों में जगह बना ली। उनका आदमीपसंद रवैया हर किसी के दिलों में बस गया। धोनी की स्मार्ट विकेटकीपिंग और बैटिंग की कमाल की क्षमता ने उन्हें एक आदर्श क्रिकेटर बना दिया। उनकी सफलता का रहस्य था उनकी अद्भुत धैर्य और मानसिक ताकत। 

वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में खेली एतिहासिक पारी

2011 में वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत को विश्व चैंपियन बनाने के लिए धौनी ने ऐतिहासिक पारी खेली। इसके बाद उन्होंने कप्तानी के पद से संन्यास ले लिया, लेकिन उनका योगदान और प्रभाव अब भी क्रिकेट के इतिहास में चमकते हैं। धोनी ने अपनी करियर के दौरान बहुत सारे रिकॉर्ड बनाए, जो आज भी टूटने का नाम नहीं ले रहे हैं। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया और उन्होंने देश के लिए खेल को एक नया मायना दिया।