देश को बाल श्रम से मुक्ति दिलाकर उसके बहुमूल्य भविष्य को उसका अधिकार देः संतोष गंगवार
देश को बाल श्रम से मुक्ति दिलाकर उसके बहुमूल्य भविष्य को उसका अधिकार देः संतोष गंगवार 
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देश को बाल श्रम से मुक्ति दिलाकर उसके बहुमूल्य भविष्य को उसका अधिकार देः संतोष गंगवार

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि बाल श्रम दिवस के अवसर पर यह संकल्प लें कि सभी के समन्वित प्रयासों से भारत को एक निश्चित समय-सीमा में बाल श्रम से मुक्त कराकर अपने देश के बहुमूल्य भविष्य को उसका अधिकार देने में सक्षम हों। उन्होंने शुक्रवार को एक ट्वीट के जरिए यह बात कही है। बाल श्रम के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस की इस वर्ष की थीम भी कुछ इसी संभावना की ओर इंगित करते हुए हमें इस दिशा में अधिक सतर्कतापूर्ण कदम उठाने की ओर संकेत देती है। इस अवसर पर सी.पी.जोशी ने कहा कि इस विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर हम संकल्प लें कि हम बाल श्रम के खिलाफ समाज में जागरुकता फैलाएं और मासूमों के बचपन के साथ खिलवाड़ न होने दें। राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि साक्षर होगी भावी पीढ़ी तो सुनहरा होगा देश का भविष्य। स्कूल जाने की उम्र में बच्चे मजदूरी न करें, इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा। आइए हम सब विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर बालश्रम रोकने का संकल्प लें। इसके अलावा और भी कई सांसदों और समाजसेवियों ने बाल श्रम दिवस पर बच्चों के भविष्य को लेकर बातें कही हैं। गौरतलब है कि हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने की थी। इसके बाद से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाने लगा। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक करना है। इस साल का थीम वैश्विक संकट का बाल श्रम पर प्रभाव है। दरअसल, बचपन एक ऐसी उम्र होती है जिसमे आप दुनिया भर की सारी दिक्कतों- परेशानियों से दूर रहते है। बचपन में किसी चीज़ की कोई फ़िक्र नहीं होती है। बचपन में जो चाहे वो कर सकते है खेलना, कूदना, खान-पीना और सिर्फ ज़िन्दगी के मज़े लेना। इसी को बचपन और बाल अवस्था की असली परिभाषा माना जाता है। हिन्दुस्थान समाचार /रवीन्द्र मिश्र/बच्चन-hindusthansamachar.in