रायपुर, 03 जून (हि.स.)। रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने एक प्रेसवार्ता के दौरान केंद्र सरकार पर खूब बरसे। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों को जनविरोधी करार दिया। गुरुवार को मोहन मरकाम प्रेसवार्ता में मोदी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने बहुत हुई महंगाई की मार, अब बस करो मोदी सरकार से शुरू करते हुए कहा कि खाने के दाम दोगुने हो गए, रसोई के समान महंगे हो गए, केंद्र की जनविरोधी नीति ने देश में कोरोना को बढ़ाने का काम किया है। गलत नीतियों से देश के लाखों लोग कोरोना से मर गए, लेकिन मोदी सरकार अभी भी महंगाई बढ़ाने का काम कर रही है। मोहन मरकाम ने कहा कि कोरोना से बच गए, लेकिन महंगाई से लोग मर जाएंगे। साथ ही यह भी कहा कि कंधे में सिलेंडर को लेकर महंगाई का विरोध करने वाली भाजपा आज की बढ़ती महंगाई पर छुप गई है। मनमोहन सरकार में पेट्रोल के दाम 60 रुपये थे, लेकिन मोदी सरकार में 100 रुपये तक दाम पहुंच गए है। मोहन मरकाम ने कहा कि कोरोना काल में दवाओं की जितनी जरुरत लोगों को पड़ रही है, इससे पहले शायद भारत के इतिहास में कभी नहीं पड़ी होंगीं। अंग्रेजी दवाओं में जीवन रक्षक सहित ऐसी कई दवाएं हैं जिन पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है। इनमें शुगर, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी की दवाओं सहित 364 दवाएं सम्मिलित है। लेकिन अब वो दवाएं भी आम आदमी की पहुंच में नहीं हैं। केंद्र सरकार के अधीन होते हुए, दवा कंपनियां लगातार कीमतों में वृद्धि करती जा रही हैं। मरीजों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पूरे देश में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत सस्ती जेनेरिक दवा की कई दुकानें खोली गईं। मानक के अनुसार यहां 650 दवाइयां होनी चाहिए मगर किसी भी केंद्र पर भी जरुरी दवाओं का बराबर अभाव बना रहता है। एक तरफ खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े, दूसरी ओर किसानों की आमदनी घटी, खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ने का फायदा बिचौलियों को मिला किसानों को नहीं। खाद्य तेलों के दाम पिछले दो वर्ष में लगभग दुगुने हुए है। देश में खाद्य तेल का सबसे बड़ा निर्माता मोदी के प्रिय गौतम अडानी है। आप समझ सकते हैं खाद्य तेल के दामों को बढ़ने का सबसे ज्यादा फायदा अडानी को हो रहा है। एक तरफ तो महंगाई बढ़ी, दूसरी तरफ मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण लोगों की कमाई घटी, रोजगार के संसाधन घटे, नौकरियां गयी, नोटबंदी जीएसटी से व्यापार-व्यवसाय तबाह हुये। कोरोना जैसी महामारी में मोदी सरकार की अकर्मण्यता के कारण इलाज और दवाइयों में लोगों की जमा पूंजी, जमीन जायदाद खत्म हो गया है। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रनारायण शुक्ल