रायपुर, 06 मार्च (हि.स.)। राजधानी रायपुर में शनिवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारियों संघ ने राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब धरना स्थल में अंबेडकर अस्पताल के संयुक्त संचालक व अधीक्षक डॉ. विनीत जैन के हिटलर व्यवहार को लेकर उन्हें पद से हटाने के लिए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। मीडिया को जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओपी शर्मा ने बताया कि अंबेडकर अस्पताल में 2500 अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है। डॉक्टर विनित जैन प्रदेश के सबसे जूनियर प्रोफेसर है। जिसे संयुक्त संचालक व अधीक्षक मेकाहारा प्रभारी अधीक्षक बनाया गया है। चिकित्सालय के समस्त वर्ग के कर्मचारी इनके आतंक से भयभीत हैं। जिसकी शिकायत कई बार शासन-प्रशासन से कि गई है। लेकिन राजनीतिक पहुंच के कारण इनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि 1995 में डीके अस्पताल रायपुर को नए भवन जिसे मेकाहारा के नाम से जाना जाता था। जब अस्पताल को शिफ्ट किया गया तो प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी व 15 अगस्त को चिकित्सालय के प्रशासनिक हॉल के सामने छत में ध्वजारोहण किया जाता है। डॉक्टर विनीत जैन के अधीक्षक बनते ही 26 जनवरी 2020 के राष्ट्रीय त्योहार का अपमान करते हुए 1500 अधिकारी कर्मचारी के भावनाओं के खिलाफ ध्वजारोहण नहीं होने दिया। मेडिकल कॉलेज रायपुर के ध्वजारोहण में सम्मिलित हो गए जिसकी शिकायत संघ के द्वारा कि गई। वहीं 26 जनवरी 2021 को डॉक्टर भीमराव आंबेडकर चिकित्सालय रायपुर में ध्वजारोहण तो किया, लेकिन कोरोना महामारी से पीड़ितों की सेवा करने वाले कोरोना योद्धाओं को संबोधित करना भी उचित नहीं समझा। वे ध्वजारोहण कर चले गए। इससे चिकित्सालय के समस्त चिकित्सक कर्मचारी इनके व्यवहार से दुखी व नाराज हैं। इनके हिटलर तानाशाही व्यवहार से कर्मचारी भयभीत हैं। कर्मचारियों को परेशान कर आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आदी है। उन्होंने बताया की अंबेडकर अस्पताल चिकित्सालय के सारे लिफ्ट खराब है। महीनों से एक्सरे फिल्म नहीं है। अनेक महत्वपूर्ण मशीन खराब है। अस्पताल परिसर में कई समस्याएं विद्यमान है। कोरोना काल में अपने घर-परिवार को छोड़कर ठेकेदार के अधीन 15-16 वर्षों से कार्यरत 100 सफाई कर्मचारियों को षड़यंत्र पूर्वक सेवा से हटाने के लिए ठेकेदार को दबाव बनाकर निकलवा दिए व 30-40 हजार रुपये लेकर नई भर्ती भी करवा दिए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रनारायण शुक्ल