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रायपुर:सरकार में सत्ता-संघर्ष का खामियाजा लोगों को कोरोना संक्रमण के रूप में भोगना पड़ रहा:नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक

Raftaar Desk - P2

रायपुर,7 अप्रैल (हि.स.) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कोरोना संक्रमण के चलते हालात पूरी तरह बेक़ाबू हो जाने के बाद लॉकडाउन की घोषणा करने पर प्रदेश सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहले कोरोना के नियंत्रण के लिए लॉकडाउन की ज़रूरत को अस्वीकार करके प्रदेश और ख़ासकर राजधानी को महामारी के गर्त में धकेलने का काम किया है। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने अपने बयान में कहा कि कि भाजपा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत से ही प्रदेश सरकार को इस दिशा में आवश्यक उपायों के लिए आगाह करती रही, लेकिन राजनीतिक प्रतिशोध में आकंठ डूबी सरकार प्रदेश में क्रिकेट मैच कराने, मेला-महोत्सव कराने में ही मशगूल रही। मुख्यमंत्री असम के चुनावी दौरों में बयानबाजी करने में मगन थे। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के कांग्रेस नेता केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप पर उतर आए हैं। नेताओं को पहले अपनी प्रदेश सरकार से तो यह पूछने की हिम्मत जुटानी चाहिए कि कोरोना के मुक़ाबले के लिहाज़ से अपनी कितनी स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया, कितनी सुविधाओं का विस्तार किया और कितने नए कोविड सेंटर्स बनाकर कोरोना को लेकर मची हायतौबा को कम करने की कोशिश की है। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि कांग्रेस के लोग झूठ फैलाकर इस संकटकाल में भी शर्मनाक राजनीति कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बुधवार को ही दो खेप में कोविड टीके की 10 लाख और खुराक पहुँची है। कांग्रेस के नेता प्रदेश को तथ्यों से परे बातें करके भ्रमित कर रहे हैं। श्री कौशिक ने कहा कि पहली बार पहुँची को-वैक्सीन को लेकर राजनीतिक दुर्भावनावश उसकी प्रमाणिकता पर सवाल उठाने और अपने हठीले रवैए के चलते टीकाकरण नहीं होने के लिए कांग्रेस नेता स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से सवाल पूछने की हिम्मत क्यों नहीं कर पा रहे हैं? श्री कौशिक ने कहा कि दरअसल प्रदेश सरकार में सत्ता-संघर्ष का खामियाजा लोगों को कोरोना संक्रमण के रूप में भोगना पड़ रहा है। श्री कौशिक ने कहा कि सीएम बघेल कोरोंना संकट को लेकर कितने लापरवाह रहे हैं, यह तब फिर साबित हुआ था, जब उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा इस विषय पर बुलायी गयी मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी शामिल होना उचित नहीं समझा और मुख्यमंत्री बघेल असम में व्यस्त रहे। यहां तक कि वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री पर विश्वास जताने के बजाय उन्होंने गृह मंत्री को भेजा। यह बघेल बनाम सिंहदेव की आपसी खींचतान का नतीजा है कि प्रदेश में कोरोना से हालात बेक़ाबू हो चले हैं । हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा