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उमर अब्दुल्ला। सोशल मीडिया।
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India-Bharat Dispute: उमर अब्दुल्ला ने केंद्र को दी चुनौती, हिम्मत है तो पहले संविधान को बदलें

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क/हि.स.। भारत-इंडिया नाम पर विवाद पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को बड़ी चुनौती दी है। श्रीनगर में शुक्रवार को पत्रकारों से नेता ने कहा कि केंद्र सरकार देश का नाम बदलने के लिए संविधान में बदलाव करेगी तो कोई भी उसका समर्थन नहीं करेगा। कोई भी इसे नहीं बदल सकता है। देश का नाम बदलना आसान नहीं है। ऐसा करने के लिए आपको देश का संविधान बदलना होगा।

राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र से शुरू हुआ विवाद

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आप में हिम्मत है तो ऐसा करें। हम भी देखेंगे कि कौन आपका समर्थन करता है? राष्ट्रपति भवन द्वारा 9 सितंबर को राष्ट्रपति द्वारा जी-20 डीनर के लिए निमंत्रण भेजने के बाद ऐसी अटकलों को बल मिला है कि केंद्र सरकार देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत कर सकता है।

संविधान में भारत और इंडिया को एक लिखा गया है

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहले संविधान पढ़ें। वहां लिखा है कि भारत और इंडिया एक हैं। आप (मीडिया) विवाद पैदा करते हैं। लद्दाख में अपने चुनाव चिह्न के लिए सुप्रीम कोर्ट में जीत पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें उस चीज के लिए लड़ना पड़ा, जो एक राजनीतिक दल के रूप में हमारा अधिकार था। चुनाव चिह्न के आवंटन को लेकर चुनाव दिशा-निर्देश बिल्कुल स्पष्ट हैं। स्पष्ट रूप से प्रशासन और लद्दाख का एजेंडा पक्षपाती था। यही कारण है कि वह सुप्रीम कोर्ट गए। कहा कि अगर, आप फैसला पढ़ेंगे, खासकर विस्तृत फैसला और लद्दाख प्रशासन पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाना, इस बात का संकेत है कि कोर्ट ने लद्दाख सरकार के आचरण को कितनी गंभीरता से लिया है।

4 अक्टूबर को चुनाव

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के चुनाव प्राधिकरण द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 30 सदस्यीय एलएएचडीसी की 26 सीटों पर चुनाव 4 अक्टूबर को होंगे।

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