सर्व समावेशी और दीर्घकालिक बातों को ध्यान में रखकर करें मतदान : प्रो. राकेश सिन्हा
सर्व समावेशी और दीर्घकालिक बातों को ध्यान में रखकर करें मतदान : प्रो. राकेश सिन्हा 
देश

सर्व समावेशी और दीर्घकालिक बातों को ध्यान में रखकर करें मतदान : प्रो. राकेश सिन्हा

Raftaar Desk - P2

- निर्णय आपके हाथ में, जनप्रतिनिधि के साथ रहना है या उन्हें झेलना है बेगूसराय, 07 नवम्बर (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुरू तृतीय चरण के मतदान प्रक्रिया के बीच बेगूसराय निवासी राष्ट्रवादी विचारक और राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने मतदाताओं से सही निर्णय लेकर मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि ऐसे मतदाता को चुनें, जिनके साथ पांच साल तक रहें, उन्हें झेलना नहीं पड़े। प्रो. राकेश सिन्हा ने वीडियो जारी कर कहा कि आज बिहार में तृतीय चरण का मतदान हो रहा है। यूं तो सभी मतदाता सोच समझकर ही मतदान करते हैं। लेकिन मेरी अपील है कि संकीर्ण, तात्कालिक और भावनात्मक बातों के दायरे से बाहर आकर यदि वह मतदान नहीं करेंगे और सर्व समावेशी और दीर्घकालिक बातों को ध्यान में रखकर मतदान करेंगे तो यह उनके लिए एवं लोकतंत्र के लिए सुखद होगा। उन्होंने कहा है कि हमारे संविधान में राइट टू रिकॉल अर्थात अपने जनप्रतिनिधियों को पांंच साल के कार्यकाल के दौरान वापस बुलाने का अधिकार नहीं है। 1974 में जब छात्र आंदोलन बिहार में शुरू हुआ था, तब जयप्रकाश नारायण जी ने इसे संविधान में मौलिक अधिकार अर्थात फंडामेंटल राइट का हिस्सा बनाने की बात कही थी। लेकिन यह मांग कभी सुदृढ़ रूप से भारतीय राजनीति का हिस्सा नहीं बन सका। इस संवैधानिक व्यवस्था में जब हम मतदान करते हैं तो हमारा निर्णय जिस सरकार को बनाती है या जिन जनप्रतिनिधियों को चुनती है उनके साथ हमें रहने या झेलने का विकल्प देती है। यदि हमारा निर्णय उचित होता है तो हम सरकारों और जनप्रतिनिधियों के साथ पांच साल रहते हैं। यदि हमारा निर्णय अनुचित होता है तो हम उन्हें पांंच साल झेलते हैं, तो निर्णय हमारे-आपके हाथों में है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in