लद्दाख सीमा पर भारत ने तैनात की सबसे खतरनाक ​'​निर्भय​'​ मिसाइल
लद्दाख सीमा पर भारत ने तैनात की सबसे खतरनाक ​'​निर्भय​'​ मिसाइल 
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लद्दाख सीमा पर भारत ने तैनात की सबसे खतरनाक ​'​निर्भय​'​ मिसाइल

Raftaar Desk - P2

- मारक क्षमता 1000 किलोमीटर तक, बिना भटके लगाती है अचूक निशाना - चीन को जवाब देने के लिए तैयार हैं ब्रह्मोस, निर्भय और आकाश मिसाइल नई दिल्ली, 28 सितम्बर (हि.स.)। पांच माह से चल रहे चीन से टकराव के बीच भारत ने लद्दाख सीमा पर अब लम्बी दूरी तक मार करने वाली अपनी सबसे खतरनाक मिसाइल 'निर्भय' तैनात कर दी है जिसकी मारक क्षमता 1000 किलोमीटर तक है। यानी यह तिब्बत में चीन के ठिकानों पर हमला करने में भी सक्षम है। इसे अमेरिका की प्रसिद्ध टॉमहॉक मिसाइल के बराबर माना जाता है क्योंकि यह मिसाइल बिना भटके अपने निशाने पर अचूक मार करती है। निर्भय क्रूज मिसाइल को भारत में ही डिजाइन और तैयार किया गया है। इस मिसाइल का पहला परीक्षण 12 मार्च 2013 में किया गया था। निर्भय मिसाइल पहली बार में लबंवत और दूसरे चरण में क्षैतिज दिशा में मार करती है। यह रॉकेट की तरह पहले आकाश में सीधे जाती है फिर दूसरे चरण में क्षैतिज उड़ान भरने के लिए 90 डिग्री का मोड़ लेती है। 6 मीटर लंबी और 0.52 मीटर चौड़ी यह मिसाइल 0.6 से लेकर 0.7 मैक की गति से उड़ सकती है। एक मिसाइल का वजन अधिकतम 1500 किलोग्राम है जो 1000 किलोमीटर तक मार कर सकती है। एडवांस सिस्टम लेबोरेटरी द्वारा बनाई गई ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर का प्रयोग किया गया है जिससे मिसाइल को ईंधन मिलता है। भारत ने चीन सीमा पर पहले ही सुपरसोनिक ब्रह्मोस और जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल को तैनात कर रखा है।अब सबसोनिक निर्भय मिसाइल को चीन से मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया है। जानकारों का कहना है कि भारत ने सुपरसोनिक ब्रह्मोस, सबसोनिक निर्भय और आकाश मिसाइल को सबसे मुश्किल स्थिति में चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए तैनात किया है। चीनी सेना के पश्चिमी थिएटर कमांड ने तिब्बत और शिनजियांग में 2,000 किलोमीटर की रेंज तक मार करने वाले हथियार तैनात किए हैं। इसी का जवाब अब जरूरत पड़ने पर भारत की तीनों ताकतवर मिसाइलें दे सकेंगी। निर्भय सभी मौसम में काम करने वाली, कम लागत, लंबी दूरी की परंपरागत और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम क्रूज मिसाइल है। मिसाइल को टेक ऑफ के लिए ठोस रॉकेट बूस्टर द्वारा संचालित किया जाता है जिसे उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला (एएसएल) ने विकसित किया है। आवश्यक वेग और ऊंचाई तक पहुंचने पर मिसाइल को स्वदेशी अनुसंधान केंद्र (आरसीआई) द्वारा विकसित एक अति उन्नत नेविगेशन प्रणाली और ऊंचाई निर्धारण के लिए रेडियो तुंगतामापी (ऑलटीमीटर) द्वारा निर्देशित किया जाता है। निर्भय कई लक्ष्यों के बीच हमला करने में सक्षम है। मिसाइल में मंडराने की क्षमता है जिससे यह कई पैंतरेबाज़ी प्रदर्शन कर सकती है। दो पंख के साथ यह मिसाइल विभिन्न ऊंचाई 500 मीटर से लेकर 4 किमी की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। यह दुश्मन के रडार से बचने के लिए नीची ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत-hindusthansamachar.in