-प्रतिनिधियों व प्रशासन की बेरूखी से नहीं बन पाया बाईपास, जाम से आये दिन नगर में होती दुर्घटनाएं फतेहपुर, 24 नवम्बर (हि.स.)। जिले के बिन्दकी नगर में नगरवासी दशकों से जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। समस्या से मुक्ति की आस उस समय बंधी जब बसपा शासन काल में बाईपास बनाये जाने का शासन ने निर्णय लिया। लेकिन अवरोधों के चलते बाईपास आज तक पूरा नहीं हो सका जिसके कारण आये दिन नगर में जाम की समस्या खड़ी होती रहती है। नगरवासी सांसद व क्षेत्रीय विधायक के समक्ष समय-समय पर बाईपास की समस्या उठाते रहे, लेकिन प्रतिनिधियों से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला जिसके परिणामस्वरूप आज तक बाईपास अधूरा पड़ा है। बिन्दकी नगर के निकट बाईपास का निर्माण 2009 से प्रारंभ हुआ था लेकिन पिछले 11 वर्षों से यह बाईपास अधूरा पड़ा हुआ है। करीब पांच किलोमीटर लंबा यह बाईपास आठ करोड़ रुपए की कीमत से तैयार होना था। यह बाईपास उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान बनना प्रारंभ हुआ था, लेकिन दो स्थानों में अधूरा रह गया था। जिसके बाद मां ज्वाला देवी मंदिर के समीप वाले स्थान पर थोड़ा काम हुआ, लेकिन डामरीकरण अभी भी बाकी है। वहीं दूसरी ओर कुंवरपुर रोड में फायर स्टेशन के समीप करीब 300 मीटर में बाईपास अधूरा पड़ा हुआ है जिसके चलते बाईपास सफेद हाथी साबित हो रहा है। नगरवासियों ने कई बार मांग किया कि बाईपास को जल्द बनवाया जाए लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही लोगों को मिल रहा है। बाईपास अधूरा होने के कारण नगर के अंदर सुबह से शाम तक दिन भर जाम की स्थिति रहती है। लोगों को वाहन तो दूर पैदल चलना भी और निकलना भी कठिन हो जाता है अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं कभी-कभी तो दुर्घटनाओं के कारण लोग मौत का शिकार भी हो जाते हैं जिसको लेकर लोगों में नाराजगी का माहौल है। व्यापारी रामेश्वर दयालू का कहना है कि जिम्मेदार लोगों द्वारा बार-बार यही जवाब मिलता है जल्दी बाईपास का निर्माण पूरा हो जाएगा लेकिन पिछले 11 साल से यह अधूरा पड़ा हुआ है। कुंवरपुर रोड निवासी सुरेश कुमार कहते हैं कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान यह बाईपास बनना प्रारंभ हुआ था लेकिन बाईपास थोड़ा शेष रह गया था। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी की सरकार चली गई थी पांच वर्ष समाजवादी पार्टी की सरकार रही लेकिन एक फुट भी बाईपास का निर्माण नहीं हो पाया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी लोगों को आशा थी कि जल्दी बाईपास निर्माण पूरा हो जाएगा लेकिन तीन वर्ष से अधिक बीत गए अभी भी बाईपास का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। अधूरा बाईपास बिन्दकी नगर की सबसे बड़ी समस्या बिन्दकी नगर में जाम की समस्या आम हो गई है दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। खासकर ललौली चौराहा तथा ललौली चौराहे के आसपास ललौली रोड, कुंवरपुर रोड, मुगल रोड तथा तहसील रोड स्थित गांधी चौराहे तक जाम की समस्या बनी रहती है वाहन रेंग रेंग कर चलते हैं जिसके कारण लोगों का पैदल निकलना भी दुश्वार रहता है। इन समस्याओं को लेकर बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बिन्दकी बाईपास को शासन से मंजूरी दिलाकर जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कराया था लेकिन बसपा सरकार के जाते ही काम रूक गया। सपा शासन काल में नेताओं की उदासीनता के कारण पुन: काम नहीं शुरू हो सका जबकि होने वाले हर चुनाव में नगरवासियों से प्रत्याशी बाईपास बनवाने का वादा जरूर करते रहे लेकिन चुनाव हो जाने के बाद जीतने वाले प्रतिनिधि फिर बाईपास की कभी सुध नहीं लिया उसी का परिणाम रहा कि आज तक बाईपास नहीं बन सका। बिन्दकी की मण्डी जिले की सबसे बड़ी व्पापारिक मण्डी बिन्दकी नगर जिले की सबसे बड़ी व्यापारिक मण्डी है। इस मण्डी से आसपास के बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, कानपुर,उन्नाव, कौशाम्बी व रायबरेली सहित एक दर्जन जनपदों से व्यापार होता है। बिन्दकी नगर की मण्डी गन्ने से बनने वाले विशिष्ट गुड़ के लिए जानी जाती है इसके अलावा सब्जी व चना, अरहर व अनाज का व्यापार भी बड़े पैमाने पर होता है जिसके कारण बड़े वाहनों का आना जाना बना रहता है वहीं जिले में मोरंग खनन होने के कारण हर रोज हजारों वाहन बिन्दकी नगर से होते हुए कानपुर, उन्नाव व लखनऊ के लिए मौरंग लाद कर ले जाते हैं। नगरवासी विपिन पटेल का कहना है कि नगर में जाम का सबसे बड़ा कारण अधूरा बाईपास है। पिछले 11 साल से बाईपास अधूरा पड़ा है, महज 200 मीटर बाईपास अधूरा होने के कारण नगर के अंदर जाम लगता रहता है दुर्घटनाएं होती है कभी-कभी तो दुर्घटनाएं बड़ी हो जाती है और लोग मौत का शिकार हो जाते हैं। बाईपास अधूरा होने तथा नगर में जाम की समस्या को लेकर लोगों में गहरी नाराजगी का माहौल बना हुआ है। बिन्दकी विधानसभा विधायक करण सिंह पटेल ने बताया कि जल्द ही सभी बाधाएं दूर कर ली जाएगीं और बिन्दकी बाईपास का काम शीघ्र ही शुरू कराया जायेगा। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि एक किसान के मुआवजे के कारण अभी तक बाईपास अधूरा पड़ा था। उस किसान से मुआवजे के विवाद को बातचीत से सुलझा का प्रयास प्रशासन स्तर किया जा रहा है। जैसे ही मुआवजे का मामला सुलझ जाता है वैसे ही जमीन अधिग्रहण करके काम शुरू हो जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार/देवेन्द्र/मोहित-hindusthansamachar.in