कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने गांधी परिवार के ट्रस्ट पर दलितों और मुस्लिमों की जमीन हड़पने का लगाया आरोप
कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने गांधी परिवार के ट्रस्ट पर दलितों और मुस्लिमों की जमीन हड़पने का लगाया आरोप 
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कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने गांधी परिवार के ट्रस्ट पर दलितों और मुस्लिमों की जमीन हड़पने का लगाया आरोप

Raftaar Desk - P2

रजनीश पाण्डेय रायबरेली, 02नवम्बर (हि.स.)। कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने गांधी परिवार के ट्रस्ट पर दलितों और मुस्लिमों की जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बालिकाओं की शिक्षा के नाम पर जमीन ली गई लेकिन अब उसे बेचने की फिराक में है। उन्होंने कमला नेहरू ट्रस्ट द्वारा फर्जीवाड़ा करने पर जांच की मांग की और कहा कि एक फर्जी ट्रस्ट बनाकर 112 परिवारों की जमीन कब्ज़ा किया गया है। अदिति सिंह ने इस पूरे मामले की जांच के लिए डीजी(ई डब्लू) को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि गत वर्षों से कमला नेहरू एजुकेशन सोसायटी ट्रस्ट का कार्य संतोषजनक नहीं है। ट्रस्ट की व्यवासियक और आर्थिक गतिविधियों में काफी अनियमितता हैं। ट्रस्ट अपनी कार्यशैली से आम जनमानस को प्रताड़ित करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रस्ट पूरी तरह से फर्जी है। जिसकी पूरी जांच होनी चाहिये। उल्लेखनीय है कि 1976 में रायबरेली के सिविल लाइन्स एरिया में करीब 5 बीघे जमीन कमला नेहरू एजुकेशनल ट्रस्ट को 30 साल के लिए लीज पर मिली थी। जिसमें बालिकाओं के लिए स्कूल खोलने जैसी कई सामाजिक कार्य ट्रस्ट को करने थे। बावजूद इसके इस जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ। ट्रस्ट में उस समय कांग्रेस के कद्दावर नेता उमाशंकर दीक्षित, पूर्व मंत्री बैजनाथ कुरील, इंदिरा गांधी के प्रतिनिधि यशपाल कपूर व शीला कौल भी थीं। शीला कौल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता थी व राज्यपाल व कैबिनेट मंत्री रह चुकी थी। शीला कौल गांधी परिवार से सीधे रिश्ते में थी और इंदिरा गांधी की मौसी थी। 2003 में इस जमीन को फ्री होल्ड कराते हुए ट्रस्ट के पक्ष में बैनामा करा लिया गया। 2011 में ट्रस्ट द्वारा इस जमीन का एग्रीमेंट दस्यु ददुआ के छोटे भाई बालकुमार पटेल और उनके परिजनों के नाम कर दिया गया। हालांकि 23 मार्च 2019 को इस बैनामे को जिलाधिकारी द्वारा ख़ारिज कर दिया गया।तब से ट्रस्ट द्वारा इस महत्वपूर्ण जमीन को एग्रीमेंट करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ समय पहले भी अगस्त में इसको लेकर काफी बवाल हुआ था जब इस पर काबिज़ दुकानदारों ने आवाज उठाई थी। अब अदिति सिंह के पत्र से एक बार फिर यह मामला गरमा गया है जिसकी जांच के बाद कई चौकाने वाले तथ्य उजागर होंगे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश/राजेश-hindusthansamachar.in