अहमद पटेल को पैतृक गांव पिरामण में किया जाएगा सुपुर्देखाक
अहमद पटेल को पैतृक गांव पिरामण में किया जाएगा सुपुर्देखाक 
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अहमद पटेल को पैतृक गांव पिरामण में किया जाएगा सुपुर्देखाक

Raftaar Desk - P2

-उनके माता-पिता की कब्र के बगल में दफनाने की तैयारी शुरू भरूच/अहमदाबाद, 25 नवम्बर (हि.स.) । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल को भरूच जिले के अंकलेश्वर तहसील के पैतृक गांव में सुपुर्देखाक किया जाएगा। उनकी इच्छा के अनुसार पिरामण गांव में उसके माता-पिता की कब्र के बगल में दफनाने की संभावना है। गांव में शोक की लहर है। अहमद पटेल की बहन रशीदा उनका पार्थिव शरीर लाने के लिये दिल्ली के लिए रवाना हो गईं हैं। साथ ही पिरामण गांव में सुपुर्देखाक की तैयारी शुरू कर दी गई है। अहमद पटेल के करीबी माने जाने वाले नाज़ुभाई ने कहा कि अहमद पटेल के परिवार और पिरामण गाँव के स्थानीय लोगों का मानना है कि पिरामण गांव में दफन होना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल कोविद -19 संक्रमण से पीड़ित थे। वह अक्टूबर में कोरोना से संक्रमित हो गये थे और लगातार इलाज चल रहा था। उन्हें रविवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने बुधवार सुबह साढ़े तीन बजे अंतिम सांस ली। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल पिरामण से दूर दिल्ली तक पहुंचे, लेकिन पिरामण गांव के साथ उनका संबंध बरकरार रहा। वह समय-समय पर पिरामण गांव आते थे और कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों से मिलते थे। साथ ही गांव की समस्याओं और कठिनाइयों के बारे में बात करते थे और उनका हल करते थे। नर्मदा जिले के डेडियापाडा तहसील में गुजरात के वंदरी गाँव में रहने वाले आदिवासी समुदाय के 1500 से अधिक लोगों को जीवन की आवश्यकता की किट प्रदान की थी। कोरोना संक्रमण प्रकोप के बाद तालाबंदी के दौरान सांसद अहमद पटेल ने वंदरी गांव के लोगों की मदद की थी। जब से सांसद अहमद पटेल ने वंदरी गांव को गोद लिया, तब से उन्होंने गांव की छोटी सी छोटी समस्या का निदान करके गांव का नक्शा बदल दिया। हिदुस्तान समाचार/हर्ष/पारस/रामानुज-hindusthansamachar.in