Yamuna pollution case sued by supreme court, appointed amicus curiae
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यमुना प्रदूषण का मामला सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया, एमिकस क्यूरी नियुक्त

Raftaar Desk - P2

संजय कुमार नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। यमुना प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में वकील मीनाक्षी अरोड़ा को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह खुद भी इस मामले पर संज्ञान ले रहा है। दिल्ली जल बोर्ड ने याचिका दाखिल कर कहा था कि हरियाणा से पीने का गंदा पानी आ रहा है, जिसमें अमोनिया की मात्रा ज्यादा है। पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा ज्यादा है। याचिका में कहा गया था कि एनजीटी ने भी माना है कि हरियाणा का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सही नहीं है। सुनवाई के दौरान मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि अमोनिया की मात्रा बढ़ने के बाद दिल्ली जल बोर्ड पूरी दिल्ली के लिए पानी की आपूर्ति नहीं कर पाता है। दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि उसे रोजाना 600 क्यूसेक पानी की जरूरत होती है। इसमें 450 क्यूसेक वैसा पानी चाहिए होता है जिसमें अमोनिया की मात्रा 0.9 पीपीएम से कम हो। दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि हरियाणा से जो 300 क्यूसेक पानी मिलता है उसमें अमोनिया की मात्रा काफी ज्यादा होती है। उस पानी का क्लोरिनेशन करने के बाद उससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in