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देश

विशाखापत्तनम : इस्पात प्लांट का निजीकरण करने के फैसले के खिलाफ कर्मियों का प्रदर्शन

Raftaar Desk - P2

विशाखापत्तनम, 05 फरवरी (हि.स.)। केन्द्र सरकार के द्वारा विशाखापत्तनम इस्पात निगम के निजीकरण करने के विरोध में श्रमिकों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कई राजनीतिक दलों ने भी केन्द्र सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है। शुक्रवार को विशाखापत्तनम शहर के गांधी प्रतिमा से विशाखापत्तनम इस्पात निगम के कुरमापलेम कारखाने तक बाइक रैली निकाल का प्रदर्शन किया। रैली के बाद मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जे अयोध्या राम ने कहा कि इस्पात संयंत्र को निजी व्यक्तियों को सौंपने की केंद्र की साजिश को हम सब विफल कर देंगे। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के षड्यंत्र को कभी भी साकार नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में किये जाने वाले संघर्ष के लिए सभी मजदूर वर्ग को संगठित किया जाएगा। स्टील प्लांट की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार के आंदोलन के लिए तैयार हैं। इस संबंध में पूर्व मंत्री और तेलुगू देशम के नेता श्रीनिवासराव ने कहा कि अनेक लोगों के बलिदान के बाद यह स्टील प्लांट स्थापित हुआ था। उनके बलिदानों को कभी भी व्यर्थ नहीं होने दिया जाएगा। सभी वर्गों के समर्थन से वैजाग स्टील प्लांट की रक्षा करेंगे। उन्होंने ऐलान किया है कि वे अपनी मांग पूरी करने और इस्पात निगम को बचाने के लिए विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र देकर अपने विरोध प्रकट करने के लिए तैयार हैं। सत्तापक्ष के वाईएसआर समर्थित कार्मिक संगठन के महासचिव वाई मस्तानन्ना ने कहा कि इस्पात संयंत्र की सुरक्षा के लिए नेताओं से मिलेंगे और उनसे इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिये कहेंगे। रैली के मद्देनजर कुर्मानापालम जंक्शन पर भारी पुलिस तैनात थी। कई राजनीतिक दलों ने इन कर्मचारियों और श्रमिकों की मांग का समर्थन किया। दरअसल, केंद्र सरकार ने विशाखापत्तनम इस्पात निगम के वैजाग स्टील प्लांट का 100 फीसदी हिस्सा बेचने का फैसला किया है। साथ ही केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड से अलग होने और स्टील प्लांट प्रबंधन की जिम्मेदारियों से भी पूरी तरह से हटने का फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के इकोनॉमिक अफेयर्स ने इसे औपचारिक रूप से इसे मंजूरी भी दे दी है। विशाखापत्तनम के इस स्टील प्लांट में 18 हजार स्थायी और लगभग 20 हजार ठेका कर्मचारी हैं। यह प्लांट लगभग 22,000 एकड़ में फैला है। साल 2002 से 2015 तक इस प्लांट ने अच्छा लाभ कमाया था। इसके बाद 2015 से प्लांट में नुकसान होना शुरू हुआ था। हिन्दुस्थान समाचार/नागराज-hindusthansamachar.in