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वयोवृद्ध कन्नड़ अभिनेता कला तपस्वी राजेश का निधन

Raftaar Desk - P2

बेंगलुरू, 19 फरवरी (आईएएनएस)। प्रख्यात कन्नड़ अभिनेता और कला तपस्वी के नाम से जाने वाले कलाकार राजेश का शनिवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे और पिछले हफ्ते ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने चार दशकों से भी अधिक समय तक 150 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर लोगों को दीवाना बनाया था। उनकी आत्मकथा कला तपस्वी राजेश आत्मकथे वर्ष 2014 में बाजार में आई थी और लोगों ने इसमें उनके संघर्ष के बारे में जानकारी हासिल की थी। उनकी बेटी आशा रानी दक्षिण भारतीय फिल्मों के बहुभाषी कलाकार अर्जुन सारजा की पत्नी है। राजेश का जन्म 1935 में बेंगलुरु में म्यूनिखोवडप्पा के रूप में हुआ था। उन्हें बचपन से ही थिएटर में काम करने का शौक था और माता-पिता की जानकारी के बिना वह सुदर्शन नाटक मंडली में शामिल हो गए। ट्यूशन जाने के बहाने राजेश विद्यासागर के नाम से थिएटर ग्रुप से जुड़ गए। उन्होंने एक सरकारी कार्यालय में एक टाइपिस्ट के रूप में काम किया और शक्ति नाटक मंडली नामक अपना खुद का थिएटर समूह शुरू किया। थिएटर में मिली सफलता के बाद वह फिल्मों की ओर अग्रसर हुए और उन्होंने वीरा संकल्प फिल्म से सिल्वर स्क्रीन पर अभिनय की शुरूआत की। जब उनकी एकल नायक वाली नम्मा ऊरु फिल्म 1968 में सुपरहिट हुई, तो उनका नाम बदलकर राजेश कर दिया गया। गंगे गौरी, सती सुकन्या, बेलुवलदा मदिलाल्ली, कप्पू बिलुपु, बृंदावना उनकी प्रमुख फिल्में हैं। उन्हें कन्नड़ फिल्म उद्योग के प्रमुख अभिनेताओं में शुमार किया जाता था। राजेश के पार्थिव शरीर को उनके विद्यारण्यपुरा स्थित आवास पर रखा जाएगा ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। उनका अंतिम संस्कार आज शाम को ही किया जाएगा। --आईएएनएस जेके