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डीएपी का विकल्प है वर्मी कंपोस्ट : बघेल

Raftaar Desk - P2

रायपुर 6 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीएपी खाद की कमी के बीच वर्मी कंपोस्ट को बेहतर विकल्प बताते हुए किसानों से अपील की है कि वे अपनी खेती में वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल कर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाएं। मुख्यमंत्री बघेल ने गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को दो करोड़ 92 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के गौठानों में तैयार किया जा रहा वर्मी कम्पोस्ट डीएपी खाद का अच्छा विकल्प है। किसान अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें, इससे स्वाइल हेल्थ में सुधार होगा, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में रासायनिक खादों की कमी है। भारत सरकार खाद की आपूर्ति किसानों को नहीं कर पा रही है। इससे कृषि प्रभावित होगी। आने वाले समय में भी रासायनिक खाद की आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर किसान अच्छी फसल ले सकते हैं। बघेल ने कहा कि रबी सीजन में मखाने की खेती को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है। मखाने की बाजार में अच्छी मांग है और इसके भंडारण में भी समस्या नहीं है। किसानों को मखाने की खेती की जानकारी और प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही उन्हें मखाने के बीज की उपलब्धता से लेकर मखाने की बिक्री तक हर संभव प्रोत्साहन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में लगभग 14 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाई गई, जिसमें से नौ लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया गया। इसमें से ज्यादातर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग हमारे किसानों ने किया है। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई 2020 को हरेली से प्रारंभ हुई, गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 15 नवम्बर 2021 तक 55.77 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। कोरोना संकट के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने जो कदम उठाए, वे सफल रहे और आज पूरे देश में इसकी चर्चा है। गोधन न्याय योजना इसका एक अच्छा उदाहरण है। प्रदेश में 10569 गौठानों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 7777 गौठान पूर्ण होकर सक्रिय हो चुके हैं, इनमें से 2029 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। --आईएएनएस एसएनपी/आरएचए