Uttar Pradesh: Makar Sankranti is being celebrated with enthusiasm, Chief Minister Yogi's appeal to celebrate safely
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उप्र: उत्साह के साथ मनायी जा रही मकर संक्राति, मुख्यमंत्री योगी की सुरक्षित तरीके से मनाने की अपील

Raftaar Desk - P2

-कोरोना संक्रमण और ठंड का आस्था पर नहीं दिखा असर, नदियों, सरोवरों के घाटों पर उमड़ी भीड़ लखनऊ, 14 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश में मकर संक्रांति का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण और ठंड व कोहरे पर आस्था भारी पड़ रही है। भोर से ही प्रमुख नदियों, सरोवरों आदि के घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान के स्नान का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर्व को कोविड प्रोटोकॉल के साथ सुरक्षित तरीके से मनाने की अपील की है, जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश आगे भी सफलतापूर्वक तरीके से आगे बढ़ सके। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपने ट्वीट में कहा कि धर्मो रक्षति रक्षितः। श्री गोरक्षनाथो विजयतेतराम। यतो धर्मस्ततो जयः। उन्होंने कहा कि प्रकृति व संस्कृति के मंगलकारी स्वरूपों की उत्सवधर्मी अभिव्यक्ति 'मकर संक्रांति (खिचड़ी)' पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि लोक आस्था की जीवंतता का प्रतीक यह पर्व हमारे जीवन में उत्साह का संचार करे। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में कहा कि मकर संक्रांति का यह पर्व जगत प्रकाश सूर्य की उपासना का पर्व है और स्वाभाविक रूप से इस जगत की प्रत्येक घटना भगवान सूर्य से जुड़ी हुई है। देश के अंदर अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम और रूप में यह पर्व मनाया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रांति के रूप में, दक्षिण भारत में पोंगल के रूप में, पंजाब आदि में लोहड़ी के रूप में, असम आदि में बिहु के रूप में और बंगाल, महाराष्ट्र में तिल देकर पर्व के रूप में इसकी मान्यता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र नदियों, तालाब, सरोवर में स्नान करके भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर भारत की सनातन धर्म की परम्परा के अनुसार दान आदि की क्रिया को सम्पन्न करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में महायोगी गोरक्षनाथ को देश के अंदर से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं द्वारा आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाई जाती है। इसी अवसर पर यहां श्रद्धालुओं ने आकर अपनी इस परम्परा का निर्वहन किया। गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने भी ब्रह्म मुहूर्त में गोरक्षनाथ को पवित्र खिचड़ी चढ़ायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हजारों वर्षों की परम्परा है। इस परम्परा का निर्वहन आज यहां पर किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रयागराज में संगम तट सहित प्रदेश के अन्य सभी पवित्र स्थानों, नदियों, सरोवरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर मकर संक्राति का पर्व उत्साह के साथ मना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए पूरी व्यवस्था पहले से ही की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति का पर्व जगत पिता सूर्य की उपासना का पर्व के साथ ही किसानों की उमंग और उत्साह का भी पर्व है। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से खिचड़ी का दान इस अवसर पर चढ़ाने इस बात को प्रदर्शित करता है कि हमारा जो अन्नदाता किसान है वह जब अपने मेहनत, पुरुषार्थ से खेतों में अन्य उत्पन्न करता है तो इसे अपने इष्ट को भी उसका दान स्वरूप देता है। वहीं खिचड़ी सुपाच्य भोजन भी है। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से इस भीषण शीत लहरी में के समय में जब व्यक्ति की पाचन क्रिया प्रभावित होती है तो खिचड़ी एक औषधि के रूप में भी व्यक्ति ले सकता है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से मकर संक्राति का पर्व कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बीते दस महीनों से कोरोना महामारी के कारण देश दुनिया, मानवता के सामने जो एक संकट खड़ा हुआ था, आज उस संकट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सफलतापूर्वक उभरा है। प्रदेश में भी कोरोना के मामलों में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि आज से दो महीने पहले उत्तर प्रदेश में 68 हजार से अधिक सक्रिय मामले थे। आज यह संख्या घटकर 10 हजार से नीचे आ चुकी है। भारत ने एक साथ दो-दो वैक्सीन कोरोना से बचाव के लिए लांच की है और 16 जनवरी से वैक्सीन लगाने का कार्य शुरू किया जा रहा है। लेकिन, हम सभी को इस बारे में ध्यान रखना होगा कि वैक्सीन को हर एक नागरिक तक पहुंचने में समय लगेगा, तब तक सावधानी और सतर्कता बेहद आवश्यक है, जिससे उत्तर प्रदेश कोरोना के खिलाफ लड़ाई को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सके। 'दो गज की दूरी मास्क है जरूरी' का पालन अवश्य करें। प्रयागराज में दूर-दूर से आए श्रद्धालु स्नान कड़ाके की ठंड के बीच भोर से ही स्नान -दान और गोदान में जुट गए। संगम के अलावा गंगा के अक्षयवट, काली घाट, दारागंज, फाफामऊ घाट पर भी स्नान चल रहा है। प्रशासन का दावा है कि सुबह दस बजे पांच लाख श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं। जैसे- जैसे दिन निकल रहा है श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। वाराणसी के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। दशाश्वमेध घाट के साथ ही शीतला घाट, पंचगंगा घाट, असि घाट से लेकर गंगा गोतमी संगम कैथी में भी आस्था का रेला सुबह से ही नजर आया और लोगों ने गंगा स्नान करने के साथ ही दान पुण्य भी किया। वहीं सुबह बाबा दरबार में भी दर्शन पूजन का दौर चला और खिचड़ी बाबा मंदिर में भी जाकर आस्थावानों ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। छोटे बच्चे अपनी पतंगों को लेकर उसे उड़ाने मशगूल हैं। मथुरा में भी भगवान सूर्य नारायण के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग युमना में स्नान के बाद खिचड़ी, तिल का सामान दान करने कर रहे हैं। मंदिरों में भी आस्था की बयार बह रही है। भक्त ठाकुरजी के दर्शन को उमड़ रहे हैं। मंदिरों में भी ठाकुरजी को पंचमेवा खिचड़ी, तिल के सामान का भोग लगाया गया है। मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना, नंदगांव आदि मंदिरों में श्रद्धालु ठाकुरजी से सुख-समृद्धि की प्रार्थना कर रहे हैं। इसी तरह अयोध्या, लखनऊ, सीतापुर, कानपुर, फर्रुखाबाद और गड़मुक्तेश्वर सहित सभी स्थानों में श्रद्धालु सुबह से ही पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in