भोपाल, 23 मई (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ क्राइम ब्रांच थाना भोपाल में धारा 188 आईपीसी और धारा 54 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने क्राइम ब्रांच से कमलनाथ की शिकायत कर मांग की थी। एफआइआर दर्ज होने के बाद सबसे पहले कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, ''कमलनाथ जी के खिलाफ 188 के तहत FIR दर्ज! लगता है शिवराज सरकार अपनी राजनैतिक अंत्येष्ठि का सामान खुद इकठ्ठा कर रही है।'' वहीं, इस संबंध में प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा दिये गए विवादित और देशविरोधी बयान के विरोध में रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल, ग्वालियर, धार, इंदौर, सतना, रीवा सहित कई जिलों में पुलिस थानों में शिकायत कर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की थी । उन्होंने बताया कि भोपाल में जिला इकाई द्वारा एमपी नगर स्थित क्राइम ब्रांच में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ़ मामला दर्ज करने का शिकायती पत्र प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया था। प्रतिनिधि मंडल ने शिकायती पत्र में कहा था कि प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ, पुलिसकर्मी, प्रशासन एवं सामाजिक संगठन इत्यादि कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट होकर व्यवस्थाओं में एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं। जिससे देश के नागरिकों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें, लेकिन अनेकों देशद्रोही शक्तियां एवं कांग्रेस महामारी की आड़ में देश को बदनाम करने को षड्यंत्र कर रही हैं, जिसमें कमलनाथ भी उन शक्तियों का सहयोग ही रहे हैं। जनता को भ्रमित और देश को बदनाम कर रहे इसमें यह भी बताया गया था कि कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने 22 मई शनिवार को अपनी प्रेस-कांफ्रेन्स में कहा कि ‘दुनिया में जो कोरोना फैला हुआ है, अब उसे ‘इंडियन वैरियेन्ट कोरोना’ के नाम से जाना जा रहा है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि कई देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कोरोना को इंडियन वैरियेन्ट के नाम से पुकार रहे हैं। ऐसे समय में कमलनाथ का यह बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे और देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम कर रहे है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन किया है। कमलनाथ का यह कृत्य भारतीय दंड विधान के अनुसार राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने किया कानून और शांति व्यवस्था को भंग करने का दुष्कृत्य इस संबंध में प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर का कहना है कि कमलनाथ ने झूठा आरोप लगाया कि ‘सरकार लाखों लोगों की मौत का आंकड़ा छिपा रही है।’ उनका यह बयान जनता में भय उत्पन्न करने वाला है जो कि आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। एक अन्य शिकायत में प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में डीएपी के भाव कम करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया, लेकिन देश के लोगों एवं किसानों तक यह संदेश न पहुंचे। इस उद्देश्य से कमलनाथ द्वारा अपने विधायकों के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में ‘आग लगाने’ की बात कहकर कानून और शांति व्यवस्था को भंग करने का भी दुष्कृत्य किया है। प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक को पूर्व मुख्यमंत्री के प्रेस-कांफ्रेंस एवं वर्चुअल मीटिंग की वीडियो की पेनड्राइव सौंपते हुए कमलनाथ के विरूद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 124-ए, 124-2 धारा 1537ए, धारा-188, सायबर क्राईम की धारा 65-बी के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी। जिसके बाद यह कार्रवाई होना बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा, सीमा सिंह, जिला अध्यक्ष सुमीत पचौरी, विधायक कृष्णा गौर, प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी, प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेंद्र शर्मा, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक संतोष शर्मा शामिल थे। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस पर दी अपनी टिप्पणी में कहा है कि कमलनाथ के खिलाफ 188 के तहत एफआईआर दर्ज! लगता है शिवराज सरकार अपनी राजनैतिक अंत्येष्ठि का सामान खुद इकठ्ठा कर रही है। इन्हीं धाराओं में इंदौर में मंत्रीगण डॉ. प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट , उषा ठाकुर द्वारा ली गई प्रेसवार्ता, हरसूद में मंत्री विजय शाह पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी