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देश

उपराष्ट्रपति को भेंट की सीआरपीएफ की स्‍वर्णिम गाथा पर आधारित दो पुस्तकें

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 06 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के विशेष महानिदेशक कुलदीप सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को उनके निवास पर ‘राष्ट्र प्रथम - 82 वर्षों की स्वर्णिम गाथा’ तथा 'सीआरपीएफ : एक गतिशील बल के मंत्र’ दो पुस्तकें भेंट की। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कठिन परिस्थितियों में भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की दक्षता और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 19 फरवरी को सीआरपीएफ की ‘राष्ट्र प्रथम - 82 वर्षों की स्वर्णिम गाथा’ पुस्तक का विमोचन किया था। इस अवसर पर शाह ने कहा था कि यह पुस्तक सीआरपीएफ में भर्ती होने वाले जवानों के लिए प्रेरणा का काम करेगी और इतिहास की रोंगटे खड़े कर देने वाली वीरता की गाथाएं लोगों को बताएगी। इस पुस्तक से उन्हें यह भी पता चलेगा कि उन्हें किस महान परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर होना है। 82 वर्षों की सभी गौरवपूर्ण घटनाएं इस पुस्तक में संकलित की गई हैं। देश की एकता के लिए खतरा बनने वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों के षड्यंत्र को किस तरह से सीआरपीएफ ने विफल किया और उनको समाप्त कर देश की सुरक्षा की है इसका सुंदर वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। वहीं 'सीआरपीएफ : एक गतिशील बल के मंत्र' पुस्तक केंद्रीय बल के प्रणेता सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है। इसमें 19 मार्च 1950 को सरदार पटेल द्वारा सीआरपीएफ को झंडा प्रदान करने, 1959 की हॉट स्प्रिंग युद्ध, 1965 के सरदार पोस्ट, पंजाब आतंकवाद 2001 में हुए संसद पर आतंकवादी हमले, 2006 में अयोध्या पर हुए आतंकवादी हमले के अलावा देश की सुरक्षा में विभिन्न स्थानों पर तैनात सीआरपीएफ जवानों के उत्साह और जोश को तस्वीरों के माध्यम से प्रकट किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील