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उमर अब्दुल्ला और पायल के तलाक मामले में हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, सुनवाई टली

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 18 फरवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट की सुनवाई के लिए दोनों पक्षकारों की सहमति के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दिया है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने उमर अब्दुल्ला के वकील कपिल सिब्बल से कहा कि हम किसी को फिजिकल रूप से सुनवाई के लिए सहमति देने के लिए कैसे बाध्य कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा कि उमर अब्दुल्ला के मामले में दूसरा पक्ष अंतिम सुनवाई के लिए अपनी सहमति नहीं दे रहा है जबकि वो मेंटेनेंस के दूसरे केस में फिजिकल रूप से पेश हो रहे हैं। दरअसल उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला के साथ तलाक संबंधी मामले की सुनवाई इसलिए नहीं हो सकी, क्योंकि पायल अब्दुल्ला ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए सहमति नहीं दी। उसके बाद उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट की सुनवाई के लिए दोनों पक्षकारों की सहमति के उसके आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि पायल अब्दुल्ला की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए सहमति नहीं देने के आधार पर हाईकोर्ट के आदेश को गलत नहीं ठहराया जा सकता है। उमर अब्दुल्ला ने जुलाई 2020 में इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने जल्द सुनवाई की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने अपने 26 अप्रैल को अपने आदेश में कहा था कि जिन मामलों में अंतिम दलीलें रखी जानी हैं उन मामलों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है। ऐसे में जब पायल अब्दुल्ला ने सहमति नहीं दी है तो इस याचिका पर सुनवाई कैसे हो सकती है। उमर अब्दुल्ला ने फैमिली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि पायल और उनके दो बेटों ने जिस गुजारा भत्ता की मांग की है, वो स्वीकार करने योग्य नहीं है । उमर की इस दलील का पायल अब्दुल्ला के वकील ने पुरजोर विरोध किया और कहा कि 2016 से पायल अकेले रह रही है औऱ उसे कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है । यहां तक कि उसे अपने बेटों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं। उमर ने कहा था कि पायल अपना गुजारा कर सकती हैं क्योंकि उनका अपना व्यवसाय है और दिल्ली में उनका एक घर भी है। बेटे भी अब बड़े हो गए हैं, जो गुजारा भत्ता नहीं मांग सकते हैं । हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in