नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक से लौह अयस्क की बिक्री पर एक दशक से अधिक पुराने प्रतिबंध में ढील देते हुए कहा कि ई-नीलामी को कम प्रतिक्रिया मिली है। प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्नाटक के तीन जिलों बल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमकुरु में निकाले गए लौह अयस्क के निर्यात की भी अनुमति दी। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, हम अपीलकर्ताओं को कर्नाटक के तीन जिलों में पहले से ही लौह अयस्क स्टॉक आदि को बेचने की अनुमति देते हैं और ई-नीलामी का सहारा लिए बिना सीधे अनुबंध में प्रवेश करके लौह अयस्क आवंटित करने की अनुमति दी जाती है। पीठ ने आवेदक को कर्नाटक में केंद्र सरकार की नीतियों के संदर्भ में उत्पादित लौह अयस्क को विदेशों में निर्यात करने की अनुमति भी दी। शीर्ष अदालत का आदेश खनन कंपनियों की याचिकाओं पर आया है, जिसमें लौह अयस्क की बिक्री और निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया गया था, जो पहले बड़े पैमाने पर उल्लंघन के मद्देनजर लगाया गया था। एक दशक पहले, कर्नाटक से लौह अयस्क के निर्यात पर शीर्ष अदालत ने पर्यावरण क्षरण को रोकने के उद्देश्य से प्रतिबंधित कर दिया था। --आईएएनएस एसकेके/एमएसए