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(विशेष) किताब खोलेगी रघुवर के हारने, सरयू के जीतने का रहस्य

Raftaar Desk - P2

रांची, 29 अप्रैल (हि.स)। झारखंड और बिहार की राजनीति में सरयू राय चर्चित नाम है। उनके राजनीतिक जीवन पर किताब आई है, जिसका नाम है- ‘द पीपुल्स लीडर।’ यह किताब जमशेदपूर पूर्व विधानसभा सीट पर हुए दिलचस्प चुनावी मुकाबले में राय की जीत का रहस्य खोलती है। झारखंड के बीते विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट न मिलने पर सरयू राय ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था। चुनाव के लिए उन्होंने उसी सीट को चुना, जहां से सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव लड़ रहे थे। इससे मुकाबला दिलचस्प हो गया था। पूरी मीडिया इस चुनाव को कवर कर रही थी। चुनाव के दौरान नारा लगा- ‘सबकी राय सरयू राय।’ चुनाव का परिणाम आया तो सरयू राय को चौकाने वाली जीत मिली। पुस्तक के लेखक विवेकानंद झा कहते हैं कि ‘द पीपुल्स लीडर’ में रघुवर दास और सरयू राय के बीच हुई चुनावी जंग का विस्तार से वर्णन है। आगे वे कहते हैं कि इस किताब में राय के छात्र जीवन से लेकर राजनीति के क्षेत्र में उनके उतार-चढ़ाव का उल्लेख है। हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में विवेकानंद झा ने कहा कि अंग्रेजी में लिखी गई यह किताब सरयू राय की जीवन पर है। बक्सर जिला से उनका जीवन शुरू हुआ। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और राजनीति में हमेशा ‘सत्यमेव जयते’ का झंडा फहराते रहे। इस किताब में उन राजनेताओं का भी जिक्र है, जिनके संपर्क में सरयू राय समय-समय पर आए। किताब का एक दिलचस्प हिस्सा भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सतत लड़ाई का है। किताब के लेखक झा ने बताया कि इस पुस्तक में 22 अध्याय हैं। इनमें कुल 272 पृष्ठ हैं। आगे उन्होंने कहा कि पुस्तक में चारा घोटाला, कोयला स्कैम, फर्टिलाइजर स्कैम की चर्चा है। कुल मिलाकर किताब में उन घोटालों का जिक्र है, जिन्हें समय-समय पर स्वयं सरयू राय ने उजागर किया था। चारा घोटाला उसमें सबसे चर्चित है। लेखक के अनुसार कुल मिलाकर किताब में सरयू राय के ‘सत्यमेव जयते’ का आकलन किया गया है। आज की राजनीति में सत्यता नहीं है। राजनीति के साथ-साथ पर्यावरण को लेकर भी चर्चा हुई है। सरयू राय के विद्यार्थी परिषद के दौर का भी जिक्र है। लेखक ने बताया कि कोरोना महामारी की विभीषिका के कारण किताब के विमोचन का कार्यक्रम फिलहाल टल गया है। किताब दिल्ली के ‘प्रभात प्रकाशन’ से छपकर आई है और इसकी कीमत 295 रुपये रखी गई है। हिन्दुस्थान समाचार/वंदना