नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। दक्षिणी नगर निगम महापौर ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से भेंट की और निगम द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों व आर्थिक चुनौतियों से अवगत कराया। महापौर मुकेश सूर्यान ने दिल्ली सरकार के व्यवहार पर अवगत कराते हुए कहा कि, दिल्ली सरकार वर्ष 2018-2019 तक दक्षिणी निगम को तीसरे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार अनुदान देती थी। दिल्ली सरकार द्वारा पांचवे वित्त आयोग की सिफारिशों को जनवरी 2019 में मंजूरी दी किंतु उन सिफारिशों को 1अप्रैल 2016 से लागू कर दिया। महापौर के अनुसार, दक्षिणी निगम ने दिल्ली सरकार से कई बार अनुरोध किया तथा उनसे 5वें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने का निवेदन किया। उन्होंने आगे कहा कि, इसको अनसुना करते हुए दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2019-2020 के अनुदान में से 263.45 करोड़ रूपए तथा वर्ष 2020-2021 के अनुदान में से 285.39 करोड़ रूपए की कटौती कर ली जोकि अनुचित है। निगम के अनुसार, कोरोना महामारी के चलते दक्षिणी निगम के राजस्व में भारी कमी आई है। समाज का प्रत्येक वर्ग चाहे वो व्यापारी, ठेकेदार, विज्ञापनदाता या पार्किं ग ठेकेदार हो वह दक्षिणी निगम से अपनी देय फीस एवं शुल्कों में कटौती की अपेक्षा कर रहा है। वहीं दूसरी और सीमित संसाधनों के बावजूद भी कोरोना महामारी के इस समय में दक्षिणी निगम नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं सेवाओं में कोई भी कमी नही कर रहा है तथा निगम के विभिन्न कर्मचारी जैसे स्वछता कर्मचारी, डॉक्टर, नर्स, एवं अन्य कर्मचारी अपना शत प्रतिशत योगदान दे रहे हैं। महामहापौर ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि, वे स्वयं हस्तक्षेप करें और दिल्ली सरकार से दक्षिणी निगम का बकाया फंड दिलवाए। ऐसे समय में दिल्ली सरकार द्वारा हमारे हक के पैसे में कटौती करना काफी पीड़ादायक है। --आईएएनएस एमएसके/एएनएम