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पोप फ्रांसिस ने पहले भारतीय पिल्लई को कैथोलिक संत की उपाधि दी

Raftaar Desk - P2

चेन्नई, 15 मई (आईएएनएस)। पोप फ्रांसिस ने रविवार को देवसहायम पिल्लई या धन्य लाजर को संत का दर्जा दिया। पिल्लई कैथोलिक संत की उपाधि पाने वाले भारत के पहले व्यक्ति बने। पिल्लई के पूर्वज पहले हिंदू थे, जो 18वीं शताब्दी में ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए थे। देवसहायम पिल्लई को दोपहर 2.30 बजे (आईएसटी) वेटिकन के सेंट पीटर्स बेसिलिका में नौ अन्य लोगों के साथ उपाधि दी गई। साल 2014 में पोप फ्रांसिस ने उनके एक चमत्कार को मान्यता दी थी। चर्च के रिकॉर्ड बताते हैं कि पिल्लई का जन्म 1712 में कन्याकुमारी जिले के नट्टलम में नीलकंद पिल्लई के रूप में हुआ था। कन्याकुमारी तब त्रावणकोर साम्राज्य का हिस्सा थी और 1745 में पिल्लई के ईसाई धर्म अपनाने से महाराजा नाराज हो गए थे। पिल्लई ने डच नौसेना अधिकारी, कैप्टन डी. लैनॉय से ईसाई धर्म ग्रहण किया था, जब वह त्रावणकोर में थे। धर्मातरण के बाद उन्होंने लाजर या देवसहायम नाम ग्रहण किया है, जिसका अर्थ है भगवान मेरा मददगार है। हालांकि त्रावणकोर के महाराजा अपने धर्मातरण को लेकर क्रोधित थे और 14 जनवरी, 1752 को अरलवैमोझी जंगल में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुनर्जन्म के बाद पिल्लई को 2012 में नागरकोइल में धन्य घोषित किया गया था और वेटिकन ने उन्हें 2020 में संत का दर्जा दिया था। उनके नश्वर अवशेषों को सेंट जेवियर्स चर्च, कोट्टार, नागरकोइल के अंदर वेदी के पास दफनाया गया था जो अब एक बिशप कैथ्रेडल है। कन्याकुमारी के कोट्टार सूबा में उनके जीवन से जुड़े चर्चो में विशेष प्रार्थना की गई। तिरुवनंतपुरम में बिशप थॉमस जे नेट्टो ने सेंट जोसेफ कैथ्रेडल में प्रार्थना की, पलायम और नेय्यातिनकारा बिशप विन्सेंट सैमुअल ने नेयत्तिनकारा सूबा के तहत परसाला के पास चावलोरपट्टा में सेंट देवसहायम चर्च में परमधर्मपीठीय जन का नेतृत्व किया। शनिवार को कामुकिनकोड में सेंट जोसेफ कैथ्रेडल, पलयम, तिरुवनंतपुरम से सेंट एंटनी के तीर्थ चर्च तक एक वाहन रैली आयोजित की गई थी। यह देवसहायम पिल्लई की यात्रा का स्मरण करने के लिए था, जब उन्होंने उन लोगों से मुलाकात की, जिन्होंने ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के कारण सताए जाने से बचने के बाद इलाके में शरण मांगी थी। कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) के सामान्य सचिव, वी.सी. सेबेस्टियन ने आईएएनएस को बताया कि देवसहायम पिल्लई को संत की उपाधि प्रदान करने से देश में ईसाई समुदाय, विशेष रूप से कैथोलिक आमजन का कायाकल्प हो जाएगा। --आईएएनएस एसजीके