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पटाशपुर विस क्षेत्र : ग्रामीण आबादी के हाथों में उम्मीदवारों की किस्मत, मजबूती से उभरी भाजपा

Raftaar Desk - P2

कोलकाता, 17 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में चुनाव का बिगुल बजने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज है। 294 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में लगभग हर एक सीट पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी बन चुकी भाजपा के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है। पटाशपुर विधानसभा क्षेत्र मूल रूप से ग्रामीण इलाका है और अधिकतर लोग आदिवासी समुदाय के हैं। कुल मिलाकर कहें तो इसबार सभी पार्टियों के उम्मीदवारों की किस्मत इस विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों के हाथ में है। आरोप है कि पिछले पांच सालों के दौरान क्षेत्र का कुछ खास विकास नहीं हुआ है जिसकी वजह से लोगों के अंदर नाराजगी है। लोकसभा चुनाव के समय यहां से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को बहुमत मिला था इसके बाद से पार्टी और अधिक मजबूत बनकर उभरी है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के पक्ष में माहौल है। क्या है राजनीतिक परिदृश्य - मूल रूप से पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांथी लोकसभा केंद्र अंतर्गत पड़ने वाली 212 नंबर पटाशपुर विधानसभा सीट शहरीकरण और विकास की परियोजनाओं से अभी भी वंचित है। यहां 97.83 फ़ीसदी आबादी ग्रामीण है जबकि महज 2.17 फ़ीसदी आबादी शहरी है। यहां एससी एसटी का रेशियो 13.1 और 0.84 है। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय यहां मतदाताओं की कुल संख्या 227491 थी। यहां कुल 246 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई थी। इस बार कोविड-19 संकट को देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की है। 2019 के समय 86.47 फ़ीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था जबकि उसके पहले 2016 के विधानसभा चुनाव में 88.73 फ़ीसदी लोगों ने वोटिंग की थी। --- क्या है 2016 का आंकड़ा - इसके पहले 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान यहां से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के ज्योतिर्मय की जीत हुई थी। यहां से 103567 लोगों ने उन्हें वोट दिया था। दूसरे नंबर पर मोर्चा घटक दल के सदस्य सीपीआई उम्मीदवार माखनलाल नायक को 73679 लोगों ने मतदान किया था। भाजपा उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे थे और उनके उम्मीदवार स्वपन कुमार दत्ता को महज 10193 लोगों ने वोट दिया था। इसबार इस सीट से तृणमूल कांग्रेस ने उत्तम बरिक को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने डॉक्टर अंबुजाझा महंती को टिकट दिया है। माकपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार भी इस सीट पर खड़े हैं। इसलिए मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ ओम प्रकाश