Notice to West Bengal government in Kabir Shankar Bose case
Notice to West Bengal government in Kabir Shankar Bose case 
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कबीर शंकर बोस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल भाजपा के नेता कबीर शंकर बोस की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने बोस के खिलाफ चल रही पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार से चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कबीर शंकर बोस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि उन पर हुए हमले की सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर 2020 को पश्चिम बंगाल भाजपा के नेताओं के खिलाफ एफआईआर को ट्रांसफर करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने इन नेताओं की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है। सुनवाई के दौरान कबीर शंकर बोस ने कहा था कि उन्हें कोरोना आइसोलेशन वार्ड में दूसरे कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ चार घंटे तक जानबूझकर रखा गया। ऐसा कर पश्चिम बंगाल की पुलिस ने संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन किया है। उन्हें राजनीतिक द्वेष की वजह से प्रताड़ित किया जा रहा है। बोस की शादी तृणमूल नेता कल्याण बनर्जी की बेटी से हुई है। जब उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल की तो कल्याण बनर्जी के कहने पर उनके खिलाफ कई केस दर्ज किए गए। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ऐसा कर रही है ताकि आगामी चुनाव में गड़बड़ी की जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in