आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए लघु, दीर्घकालिक शमन और न्यूनीकरण के उपायों जोर दिया जाएः नित्यानंद राय
आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए लघु, दीर्घकालिक शमन और न्यूनीकरण के उपायों जोर दिया जाएः नित्यानंद राय 
देश

आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए लघु, दीर्घकालिक शमन और न्यूनीकरण के उपायों जोर दिया जाएः नित्यानंद राय

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्र के विकास में आपदा जोखिम शमन व न्यूनीकरण के उपायों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने इस प्राकृतिक आपदा के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए सहयोगात्मक लघु और दीर्घकालिक शमन और न्यूनीकरण के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। मंगलवार को राय ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम), गृह मंत्रालय और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वेबिनार “वज्रपात एवं आकाशीय बिजली” के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। एक दिवसीय वेबिनार का केंद्र-बिंदु वज्रपात एवं आकाशीय बिजली के जोखिमों की बेहतर समझ के संदर्भ में मानव क्षमता को विकसित करना तथा उन जोखिमों को कम करने और प्रभावित हितधारकों के बीच लचीलापन बढ़ाने के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडे और सेंडाइ फ्रेमवर्क को लागू करके प्रभावी सहयोगात्मक कार्रवाई करना था। साथ ही, प्रतिभागियों को “वज्रपात एवं आकाशीय बिजली” के जोखिम आकलन, पूर्वानुमान, तैयारी और शमन के साथ-साथ समय पर प्रतिक्रिया और पुनरूद्धार के लिए तकनीकी ज्ञान और उपलब्ध संसाधनों के बारे में जागरूक करना था। गृह राज्य मंत्री ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निरंतर समर्थन, मार्गदर्शन और गहरी रुचि पर प्रकाश डाला। उन्होनें प्रधानमंत्री द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर दिये गए 10 सूत्रों को अपनाने के साथ-साथ अनुसंधान आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण रणनीति, भागीदारी दृष्टिकोण और सक्रिय निवारक और शमनात्मक रणनीति अपनाने पर बल दिया। वेबिनार में बोलते हुए डॉ राजीवन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अपने मंत्रालय द्वारा वज्रपात एवं आकाशीय बिजली पर किए जा रहे महत्व पूर्ण कार्यों जैसे मोबाइल ऐप दामिनी, वेदर मॉडलिंग, डॉप्लर वेदर रडार और लाइटनिंग डिटेक्टर सिस्टम आदि की जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने अपने दृष्टिकोण को पूर्वानुमान से तात्कालिक अनुमान पर स्थानांतरित करने और वज्रपात एवं आकाशीय बिजली की पूर्व चेतावनी को उनसे संबन्धित हितधारकों तक पहुँचने के लिए उचित रणनीतियां तैयार करने पर जोर दिया। हिन्दुस्थान समाचार/ रवीन्द्र मिश्र-hindusthansamachar.in