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एनडीआरएफ ने सीआईएसएफ के साथ कोडरमा में किया रासायनिक आपदा पर मॉक ड्रिल

Raftaar Desk - P2

पटना, 29 जुलाई (आईएएनएस)। पटना के बिहटा स्थित एनडीआरएफ की 9 वीं बटालियन और सीआईएसएफ यूनिट कोडरमा थर्मल पॉवर स्टेशन (केटीपीएस) द्वारा संयुक्त रूप से गुरुवार को क्लोरीन गैस के रिसाव की दुर्घटना से निपटने पर आधारित एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ और कोडरमा थर्मल पॉवर (केटीपीएस) के साथ सीआईएसएफ यूनिट की अग्निशमन सेवा तथा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के सुरक्षा कर्मियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मॉक ड्रिल के दौरान कोडरमा स्थित कोडरमा थर्मल पॉवर स्टेशन में लगे जल शोधक संयंत्र से जुड़े क्लोरीन प्लांट में क्लोरीन गैस के रिसाव की दुर्घटना का ²श्य चित्रित किया गया, जिसमें सभी एजेंसियों ने बेहतर समन्वय स्थापित कर इस आपदा से निपटने का कुशल अभ्यास किया। इस दौरान एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों ने प्लांट से पीड़ित लोगों को सुरक्षित निकालने, अस्पताल पूर्व चिकित्सा मुहैया कराने तथा क्लोरीन गैस के रिसाव को रोकने का ऑनसाइट अभ्यास किया। 9वीं बटालियन एनडीआरएफ टीम का नेतृत्व सहायक कमांडेंट विनय कुमार ने किया। इस मौके पर मुख्य अभियंता और प्लांट चीफ उदय कुमार, सहायक कमांडेंट, सीआईएसएफ नीरज कुमार तथा अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस अभ्यास के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के पहलूओं का भी पूरा ध्यान रखा गया। मॉक ड्रिल के बाद इसकी समीक्षा की गई और उन बिंदुओं पर चर्चा की गई जिसे घटना पर काबू पाने में कमी के रूप में चिन्हित किया गया। एनडीआरएफ के सुझाव को स्थानीय तौर पर प्रतिक्रिया के दौरान शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही इस तरह के ड्रिल को लगातार करने का भी निर्णय हुआ। 9वीं बटालियन एनडीआरएफ के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया, इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही विभिन्न एजेंसियों के बीच परस्पर समन्वय तथा कार्यक्षमता को और बढ़ाना है, जिससे वास्तविक आपदा के दौरान जानमाल के नुकसान को रोका जा सके। --आईएएनएस एमएनपी/एएनएम