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शिक्षा में असमानता को खत्म करेगा नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर

Raftaar Desk - P2

दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे आधुनिक बनाने में नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर यानी की बड़ी भूमिका होने वाली है। एनईपी के तहत देशभर में एक नई पहल लागू की जाएगी जो स्कूल क्वालिटी असेसमेंट एंड एश्योरेंस फ्रेमवर्क है। यह पाठ्यक्रम, शिक्षाशास्त्र, मूल्यांकन, बुनियादी ढांचे, समावेशी प्रथाओं और शासन प्रक्रिया जैसे आयामों के लिए एक सामान्य वैज्ञानिक ढांचे की अनुपस्थिति की कमी को दूर करेगा। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने शिक्षा पर पर्व के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के शिक्षकों अभिभावकों एवं छात्रों को संबोधित किया। इसके उपरांत केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी शिक्षकों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के समय में शिक्षार्थियों तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पहुंचाने में शिक्षकों ने अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) की नई पहल के अन्तर्गत मंगलवार को यूडीएल आधारित 10,000 शब्दों की आईएसएल डिक्शनरी, टॉकिंग बुक्स, निष्ठा 3.0, विद्यांजलि 2.0 और एसक्यूएएएफ को लॉन्च किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों, सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा पहुचाने के संकल्प को पूरा करने में शिक्षक अहम भूमिका निभाएंगे। शिक्षा मंत्री के मुताबिक आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, एनईपी के क्रियान्वयन में उठाया गया हर कदम भारत जब आजादी के 100 वर्ष मना रहा होगा तब की आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम बनेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों के महत्व एवं सम्मान को केवल शिक्षक दिवस तक सीमित न रखकर एक पर्व के रूप में मनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना, देश की शिक्षा व्यवस्था के लिए उनकी प्रतिबद्धता और नयी पीढ़ी को तैयार करने की उनकी मनोरचना का अभिसूचक है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम