दिल्ली में ताजिया (Tazia) रखने का सिलसिला मुगलकाल से ही चला आ रहा है, लेकिन 700 सालों में ऐसा पहली बार होगा कि मुहर्रम (Muharram) पर ताजिये तो रखे जाएंगे, लेकिन इनके साथ निकलने वाला जुलूस नहीं निकल सकेगा. यह बात हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह शरीफ (Nizamuddin Auliya Dargah Sharif) क्लिक »-newsindialive.in