जाते हुए वर्ष को विदा करना एवं नये वर्ष की अगवानी करना-एक ऐसी संधिबेला है जहां जीवन एक नई करवट लेता है। कोरोना महामारी, प्राकृतिक संकट, आर्थिक अस्तव्यस्तता एवं राजनीतिक उथल-पुथल, अन्तर्राष्ट्रीय बदलाव, किसान आन्दोलन एवं कश्मीर की शांति एवं लोकतंत्र की स्थापना जैसे विविध परिदृश्यों के बीच नए वर्ष क्लिक »-www.prabhasakshi.com