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कुंभ: प्रधानमंत्री की अपील का असर, जूना अखाड़े के उखड़ने लगे तंबू

Raftaar Desk - P2

हरिद्वार, 18 अप्रैल (हि.स.)। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना का असर महाकुंभ में भी साफ देखा जा रहा है। कोरोना संक्रमण का प्रभाव अधिक होने के चलते सबसे पहले निरंजनी और आनंद अखाड़े ने कुंभ समाप्ति की घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी से शेष स्नान प्रतीकात्मक रूप से करने की अपील की। इसका असर यह हुआ कि जूना अखाड़े ने भी कुंभ समाप्ति की घोषणा की। जूना अखाड़े के तंबू रविवार से उखड़ने लगे हैं। संतों की कुंभ विसर्जन की घोषणा के बाद अखाड़े की छावनी में लगे संतों के टेंट उखड़ने लगे हैं। जूना अखाड़े ने अपने सभी देवी-देवताओं का विसर्जन कर सभी साधु-संतों को अपने-अपने गंतव्य की ओर जाने को कहा है। जूना अखाड़े की छावनी से सभी साधु-संत अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को गंभीरता से लेते हुए सबसे निरंजनी अखाड़े ने अपने अखाड़े की तरफ से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर की है। सुबह से ही जूना अखाड़े के साधु-संतों ने समान बांधना शुरू कर दिया था। आधे से भी ज्यादा संत अपने गंतव्य की ओर निकल गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत शुक्ल / मुकुंद