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महत्वपूर्ण पढ़ाव पर पहुंचा कश्मीरी हिन्दुओं का संघर्ष, जल्द होगी वापसी : आरएसएस सरकार्यवाह

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 14 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बुधवार को कहा कि पिछले कई सालों के दौरान कश्मीरी हिंदुओं को कठिन दौर से गुजरना पड़ा है। अब उनका संघर्ष एक महत्वपूर्ण पढ़ाव पर पहुंच गया है और अब उनकी राज्य में वापसी संभव होगी। कश्मीरियों के नव वर्ष नवरेह से जुड़े संजीवनी शारदा केंद्र जम्मू कश्मीर की ओर से आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए होसबोले ने कहा कि इतिहास में कश्मीरी हिन्दुओं को कई बार विस्थापित होना पड़ा है। 1989-90 में कश्मीरियों का सातवां विस्थापन हुआ है और यह अंतिम साबित होगा। उन्हें विश्वास है कि कश्मीरी हिंदुओं का अगला नवरेह कश्मीर में मनाने का संकल्प सार्थक होगा। अपने संबोधन में दत्तात्रेय ने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं ने पिछले कई दशकों में त्याग, बलिदान और संकट से गुजरते हुए धर्म की रक्षा की है। यह इतिहास में एक अनूठा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिन्दुओं की रक्षा के लिए स्वयं गुरु तेग बहादुर जी ने अपना बलिदान दिया था। सरकार्यवाह ने कहा कि देश और समाज के लिए लिया गया संकल्प बेहद शक्तिशाली होता है। विदेशी आक्रांताओं ने सदियों से हमें संघर्ष के लिए मजबूर किया है और हमने भी कभी हार नहीं मानी है। इस दौरान उन्होंने शिर्य भट्ट के त्याग, समर्पण और ललितादित्य के शौर्य की मिसाल दी और कहा कि इनके जीवन का हमें अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने दुनिया भर में आत्मसम्मान और मातृभूमि के लिए किए गए कुछ प्रयासों का उदाहरण स्वरूप जिक्र किया। जम्मू कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए की समाप्ति केंद्र शासित प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगी। अब जम्मू-कश्मीर में वर्षों से लंबित विकास कार्य पूरे होंगे। सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप