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गाजीपुर डंपिग यार्ड में आग लगने की जांच करेगी दिल्ली हाईकोर्ट की संयुक्त समिति

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एस.पी. गर्ग की अगुवाई में एक संयुक्त समिति का गठन किया है, जो कुछ दिनों पहले गाजीपुर डंपिंग यार्ड में आग लगने की घटना की जांच करेगी। गत 28 मार्च को भी गाजीपुर डंपिंग यार्ड में आग लगी थी और इस सप्ताह की शुरुआत में यहां दोबारा आग लगी। एनजीटी ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा कि दिल्ली और अन्य शहरों के डंपिंग यार्ड टाइम बम के जैसे हैं, क्योंकि इनसे लगातार मिथेन गैस जैसी विस्फोटक गैस उत्सर्जित होती रहती है। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के लिए स्थिति और भी घातक है, क्योंकि यहां डंपिंग यार्ड का आकार भी बड़ा है और आबादी भी घनी है। एनजीटी ने कहा कि इसकी जांच के लिए संबंधित विभागों की बहु-विभागीय समिति का गठन जरूरी है। इसी कारण जस्टिस एस.पी. गर्ग की अगुवाई में एक संयुक्त समिति का गठन किया जाता है। एनजीटी ने कहा कि इस समिति के अन्य सदस्य सीपीसीबी, डीपीसीसी, दिल्ली के शहरी विकास विभाग, ईडीएमसी, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिलाधिकारी और पूर्वी दिल्ली के डीसीपी होंगे। एनजीटी ने निर्देश दिया कि यह समिति एक सप्ताह के अंदर बैठक करे और साइट का दौरा करे। आदेश में कहा गया है कि आग लगने के कारण निकले जहरीले धुएं से घनी आबादी वाले इलाके में वायु प्रदूषण के कारण बीमारी फैलने की संभावना है। एनजीटी अधिनियम के अनुच्छेद 15(1) के तहत जन स्वास्थ्य और पर्यावरण को और हानि से बचाने के लिए निर्देश जारी किए जा सकते हैं। --आईएएनएस एकेएस/एसजीके