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झारखंड: किसकी जमीन का झगड़ा अब आसानी से निपटेगा, ड्रोन के जरिए जमीन सीमांकन शुरू

Raftaar Desk - P2

रांची, 1 नवंबर (आईएएनएस)। झारखंड में ग्रामीण आबादी वाले इलाकों में जमीनों का सीमांकन ड्रोन के जरिए कराया जायेगा। सोमवार को राज्य के खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड से इसकी शुरूआत हो गयी। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते ने इस योजना का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह सर्वे स्वामित्व योजना के तहत शुरू हो रहा है और इसका उद्देश्य जमीनों के वास्तविक हकदार की पहचान को सुनिश्चित करना और जमीन की सीमा को लेकर होनेवाले विवादों का आसानी से निपटारा करना है। स्वामित्व योजना के अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम समाज के काम ऑनलाइन हो जायेंगे। ऑनलाइन होने की वजह से भूमाफिया और फजीर्वाड़ा और भूमि की लूट पर रोक लग सकेगी। ग्रामीण अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन देख सकेंगे। गांव की सभी संपत्तियों की मैपिंग किया जाएगा और जमीन से संबंधित ई-पोर्टल पर सर्टिफिकेट भी उपलब्ध रहेगी। झारखंड में यह योजना खूंटी जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ली गयी है। सभी राजस्व ग्रामों में ग्राम सभा का आयोजन कर आम ग्रामीणों को इस योजना की विशेषताओं से अवगत कराया जाएगा। इसके लिए उपायुक्त ने अंचल अधिकारियों व अंचल निरीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं। इस योजना में सबसे पहले आबादी वाले क्षेत्र की जमीनों का सीमांकन किया जाएगा। इसके बाद क्षेत्र में पड़ने वाली सरकारी भूमि, विद्यालय भवन, पंचायत भवन, अन्य सरकारी संरचना समेत अन्य सरकारी संपत्ति को चिह्न्ति किया जायेगा। ड्रोन मैपिंग के आधार पर जमीन पर चूना से माकिर्ंग दर्ज की जायेगी। फिर, इसी के आधार पर नक्शों को आवश्यकतानुसार तकनीकी सुधारों के बाद संबंधित अंचल कार्यालय और बंदोबस्त कार्यालय रांची को उपलब्ध करा दिया जाएगा। स्वामित्व योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर तकनीकी सलाहकार बनाया गया है। स्वामित्व योजना को सही तरीके से कार्यान्वित करने के लिए जिला अनुश्रवण एवं समीक्षा समिति बनायी गयी है, जिसमें पुलिस अधीक्षक, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, बंदोबस्त कार्यालय, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सभी अंचल के अंचलाधिकारी एवं उपायुक्त द्वारा नामित अन्य सदस्य होंगे। इसके अलावा प्रत्येक राजस्व गांव के लिए सर्वे दल का गठन किया गया है। --आईएएनएस एसएनसी/आरजेएस