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केंद्रीय बजट पर जदयू बंटी, नीतीश ने बताया सकारात्मक, कुशवाहा ने कहा निराशाजनक बजट (लीड-1)

Raftaar Desk - P2

पटना, 1 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी गंठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल (युनाइटेड) में लगता है कि सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट पर जदयू बंटी नजर आ रही है। जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां बजट को स्वागतयोग्य और सकारात्मक बताया है, वहीं जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इसे निराशाजनक बजट बताया। मुख्यमंत्री नीतीश ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, पिछले दो वर्षों में देश का विकास कोरोना के कारण प्रभावित रहा है। इन विषम परिस्थितियों से निकलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपने बजट के माध्यम से देश के विकास की गति को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जो सराहनीय हैं। संतुलित बजट पेश करने के लिए केंद्र सरकार को मैं बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा देश में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना के निर्माण के लिहाज से भी स्वागतयोग्य है। इस वर्ष केंद्रीय बजट में गंगा के किनारे पांच किलोमीटर के स्ट्रेच में प्राकृतिक खेती का कोरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार का यह कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि बजट में धान एवं गेहूं की अधिप्राप्ति को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि राज्य सरकारों को केंद्रीय करों के हिस्सेदारी के रूप में इस वर्ष एवं अगले वर्ष अधिक राशि प्राप्त होगी, जिससे राज्य सरकारों की वित्तीय कठिनाइयां कम होंगी और राज्यों को राहत मिलेगी। इधर, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इसे निराशाजनक बजट बताया। उन्होंने कहा, बिहार को विशेष दर्जा देने की हमारी लंबे समय से मांग थी और उम्मीद थी कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस पर कुछ कहेंगी, लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा, केंद्रीय बजट विकसित राज्यों के लिए फायदेमंद रहा है लेकिन इसमें बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए कुछ भी नहीं है। हमारे राज्य को इसके विकास के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। वित्तमंत्री ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को अनसुना कर बिहारवासियों को निराश कर दिया। --आईएएनएस एमएनपी/एएनएम