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देश

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने प्रवासियों की संपत्ति संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए पोर्टल लॉन्च किया

Raftaar Desk - P2

श्रीनगर, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कश्मीर प्रवासियों की अचल संपत्तियों से संबंधित शिकायतों के समयबद्ध निवारण के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया। कश्मीर के प्रवासी अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए जम्मू-कश्मीर माइग्रेंट रिलिफ से संबंधित आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। पोर्टल पर दाखिल आवेदन का निस्तारण राजस्व प्राधिकारियों द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत एक निश्चित समय सीमा में आवेदक को सूचित करते हुए किया जाएगा। सक्षम प्राधिकारी (उपायुक्त) प्रवासी संपत्तियों का सर्वेक्षण/क्षेत्रीय सत्यापन करेंगे और 15 दिनों की अवधि के भीतर सभी रजिस्टरों को अपडेट किया जाएगा और साथ ही उपायुक्त संभागीय आयुक्त, कश्मीर को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए, उपराज्यपाल ने कहा कि यह पहल हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों सहित प्रवासियों की दुर्दशा को समाप्त कर देगी, जो 1990 के दशक से पीड़ित हैं। उपराज्यपाल ने कहा, मैंने पिछले 13 महीनों में विभिन्न धर्मों के कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और उन्होंने स्पष्ट रूप से प्रवासियों की वापसी का समर्थन किया है। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा, अतीत की गलतियों को सुधारने की जिम्मेदारी वर्तमान की है। उज्जवल भविष्य की नींव रखने के साथ-साथ यह पुराने घावों को भरने का भी समय है। मैं सभी नागरिकों से इस प्रयास में प्रशासन का समर्थन करने और भाईचारे का एक नया उदाहरण स्थापित करने का अनुरोध करता हूं। जम्मू-कश्मीर में दशकों पहले मची उथल-पुथल के दौरान लगभग 60 हजार परिवार घाटी से पलायन कर गए थे, जिनमें से लगभग 44 हजार प्रवासी परिवार राहत संगठन, जम्मू-कश्मीर के साथ पंजीकृत हैं, जबकि बाकी परिवारों ने अन्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में स्थानांतरित होने का विकल्प चुना है। असहाय प्रवासियों को अपनी अचल संपत्ति के साथ-साथ चल-अचल दोनों प्रकार की संपत्ति भी छोड़नी पड़ी थी। उपराज्यपाल ने कहा कि हिंसा ने सभी को प्रभावित किया है। उन 44,000 प्रवासी परिवारों में से 40,142 हिंदू परिवार हैं, 2,684 मुस्लिम परिवार हैं और 1,730 सिख समुदाय से हैं। उपराज्यपाल ने कहा, पोर्टल की ट्रायल रन अवधि के दौरान, हमें 854 शिकायतें मिली हैं। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि बड़ी संख्या में प्रवासी परिवार न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अब, शिकायतों पर समयबद्ध कार्रवाई न केवल सिस्टम में लोगों के विश्वास को बहाल करेगी, बल्कि मेरा मानना है इससे हजारों परिवार न्याय और अपनी गरिमा को फिर से हासिल कर पाएंगे। --आईएएनएस एकेके/एएनएम