Jamiat-Ulema-e-Hind reached Supreme Court against Love Jihad Prevention Act
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लव जिहाद निरोधक कानून के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के लव जिहाद निरोधक कानून के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि धर्म चुनना निजी अधिकार है। इसमें सरकार दखल नहीं दे सकती है। जमीयत ने कहा है कि धर्म बदलने के प्रलोभन की परिभाषा इतनी व्यापक रखी गई कि धार्मिक किताब भी तोहफे में देना कठिन है। इस कानून के जरिये अंतर्धार्मिक विवाह असंभव बनाने की कोशिश की गई है। याचिका में कहा गया है कि ये कानून व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है। ये कानून संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि आज ही सुप्रीम कोर्ट लव जेहाद और अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए बने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के क़ानूनों की समीक्षा के लिए तैयार हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in